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वियतनाम में आयोजित 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन में युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान,सलेकचंद जैन एवं हो ची मीन्ह स्मृति सम्मान से हुए सम्मानित




दक्षिणपूर्व एशिया के खूबसूरत देश वियतनाम (हनोई,हो ची मीन्ह) में 13 से 23 दिसंबर तक आयोजित हुए 10 दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उत्तराखंड मूल के कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ को सलेकचंद जैन एवं हो ची मीन्ह स्मृति सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया। जिससे साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में वियतनाम में उत्तराखंड का मान भी बढ़ा है। वियतनाम में आयोजित इस सम्मेलन में भारत से लगभग चालीस ख्यातनाम साहित्यकारों,बुद्धिजीवी और समाज से जुड़े विभिन्न प्रबुद्धजनों ने सहभागिता की।
इस सम्मेलन में 14 लेखकों की विभिन्न विधाओं में प्रकाशित कृतियों का विमोचन भी किया गया। साथ ही जनतंत्र का भविष्य,सांस्कृतिका,कथा,व्यंग्य,लघुकथा,कविता पर संगोष्ठी एवं राज्यवार गीत-नृत्य-संगीत की प्रस्तुति का आयोजन भी हुआ। इस सम्मेलन में प्रतिभाग करते हुए युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ ने पहाड़ के संघर्षों,लोक-संस्कृति और लोक परंपराओं पर वक्तव्य दिया। साथ ही ‘वह पहाड़ी लड़की सुनीता’ कविता का पाठ कर देश भर से उपस्थित सहभागियों का मन मोह लिया।
आपको बता दें कि वियतनाम में आयोजित हुए इस 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उत्तराखंड से वरिष्ठ लेखक डॉ.हरिसुमन बिष्ट,डॉ.पुष्पा जोशी और युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’  ने प्रतिभाग किया। इस सम्मलेन में डॉ.हरि सुमन बिष्ट को उनके संपूर्ण साहित्यिक योगदान के लिए डॉ.खगेंद्र ठाकुर स्मृति सम्मान,डॉ.पुष्पा जोशी को संस्कृत भाषा में उल्लेखनीय कार्य के लिए श्री हरि ठाकुर स्मृति सम्मान और युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ को साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया है।
वियतनाम में आयोजित 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन में प्रतिभाग कर भारत लौटे युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान को अपनी जन्मभूमि उत्तराखंड को समर्पित करते हुए कहा कि मेरे लिए यह बहुत ही सौभाग्य की बात हैं कि मुझे वियतनाम में आयोजित 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन में शामिल होने का मौका मिला। इस मंच पर मुझे सम्मानित किया गया,यह मेरे लिए गौरव का क्षण था। इसके लिए मैं आयोजन समिति का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा की मैं पहाड़ से हूं और पहाड़ के संघर्षों को मैंने बहुत करीब से देखा है। पहाड़ मेरे वजूद का हिस्सा है,इन्होंने मुझे चलना,संभलना और संघर्ष कर विजय के पथ पर चलना सीखाया है। आज मैं जो कुछ भी हूं पहाड़ की वजह से हूं। उन्होंने कहा कि वियतनाम की धरती पर मेरा नहीं बल्कि मेरे उत्तराखंड का सम्मान हुआ है,जिसका मुझे गर्व है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की पट्टी कफोलस्यूं के ग्राम नौली के रहने वाले जगमोहन ‘आज़ाद’ वियतनाम (हनोई,हो ची मीन्ह) में आयोजित होने वाले 20वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले सबसे युवा प्रतिभागी थे। जगमोहन पिछले 25 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े हैं और कई उपलब्धियां प्राप्त कर चुके हैं।
वियतनाम (हनोई,हो ची मीन्ह) में आयोजित हुए इस 10 दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन सृजन-सम्मान छत्तीसगढ़,सृजनगाथा डॉट कॉम,सिंधु रथ स्मृति संस्थान रायपुर,सलेकचंद जैन स्मृति संस्थान दिल्ली,दाउ कल्याण सिंह सोनवानी स्मृति संस्थान,सर्वदा,छ.ग,डॉ.सुरेशचंद्र गुप्त स्मृति संस्थान नई दिल्ली,नये पाठक पत्रिका,बिलासपुर,कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति संस्थान,रायगढ़ एवं पृथ्वी परिवार पटना आदि सहित कई संस्थाओं द्वारा किया गया था।

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