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 बड़कोट वन विभाग की टीम ने एक और खैर तस्कर को दबोचा- सांभर के सींग भी हुए बरामद

देहरादून:

खैर तस्करों की नज़र अब देहरादून क्षेत्र में स्थित खैर के पेड़ों पर गड गयी है। जहां देखे वही तस्करों ने आतंक मचाया हुआ है।  अभी बीते सप्ताह लछीवाला रेंज में भी खैर की लकड़ी के तस्करों को  लेकर मीडिया में खबरे चलती रही जिसके बाद विभाग नींद से जागा।

कल भी बड़कोट वन रेंज की टीम द्वारा खैर तस्करों का पीछा करते हुए एक खैर तस्कर को धर दबोचा गया।

तस्कर वाहन में खैर के माल को छिपा कर ले जा रहा था। उसके कब्जे से सांभर के सींग भी बरामद हुए हैं। उल्लेखनीय है कि बड़कोट वन रेंज और लच्छीवाला वन रेंज में खैर तस्करों द्वारा खैर के पेड़ काट लिए  गए थे। जिसके बाद मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।ये तस्कर जंगल को ही नही जंगली जीव जंतुओं को भी निशाना बना रहे है। 

वन विभाग की टीमें आरोपियों को पकड़ने में जुटी हुई हैं। दोनों वन रेंजों रनों की टीमें पहले ही तीन आरोपियों को पकड़ चुकी हैं। रविवार सुबह तड़के 5:30 बजे सिकरोड़ा हरिद्वार से बड़कोट वन विभाग की टीम ने खैर तस्करों का पीछा करते हुए एक पिकअप वाहन को चालक समेत धर दबोचा।आश्चर्य तब और  बढ़ जाता है जबकि तस्कर भागने में कामयाब हो जाते है और वन विभाग हाथ मलता रह जाता है।

 इस पिकअप वाहन में खैर के माल को लकड़ी के गुटकों के नीचे ले जा ले रहा था। वन विभाग की टीम को सांभर के ढाई किलो सींग भी बरामद हुए हैं।

 वन विभाग द्वारा पिकअप वाहन चालक जावेद पुत्र अजीज  सिकरोड़ा हरिद्वार को पकड़ लिया गया है।

जबकि खैर तस्कर ताहिर पुत्र यूनुस निवासी सिकरोड़ा हरिद्वार भागने में कामयाब रहा। वन विभाग की टीम ने पिकअप संख्या यूके08 सीए 6421 को कब्जे में लिया है। और आरोपी को जेल भेजा जा रहा है।



खैर के जंगलों के दुश्मन दशकों पुराने है, पान में प्रयोग की जानेवाला खैर की लकड़ी अत्यंत कीमती है। हरिद्वार स्थित चन्डीघाट पुल के नीचे भी कभी खैर के जंगल हुआ करते थे। तस्करों की भेंट चढते चढ़ते आज साफ हो चुका है तमाम पारिस्थितिक तंत्र।  देहरादून क्षेत्र में कभी ऐसा सुनने में नही आया परंतु अब एक के बाद एक तस्करों के सक्रिय हो जाना वनप्रेमियों, पर्यावरण प्रेमियों और जीवजन्तु प्रेमियों को जगाने वाला मुद्दा बन गया है।   इस पर संगठित होकर तस्करों की चेन को तोड़ना चाहिए। 


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