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बरसात में पहाड़ों में सड़क दुर्घटनाओं की होने की संभावना ज्यादा

देहरादून:


 इंडियन ऑर्थोपीडिक एसोशियेसन के हड्डी एवं जोड़ दिवस के अवसर पर संजय ऑर्थोपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर देहरादून एवं सेवा संस्था द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान से संबंधित एक जन-जागरुकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के  परिवहन मंत्री श्री चंदन रामदास    अति विशिष्ट अतिथि पद्म श्री कल्याण सिंह रावत, एस.पी, यातायात देहरादून श्री अक्षय कोंडे आई.पी.एस., एवं डॉ. हिमांशु कोचर, कवि श्री जसवीर सिंह हलधर, डॉ. सुजाता संजय, डॉ. गौरव संजय, डॉ. आशुतोष शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। 


पद्म श्री से सम्मानित ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ‐ बी. के. एस. संजय ने आए हुए सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं शौल ओढ़ाकर स्वागत कर परिचय दिया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि आज सड़क दुर्घटनाओं देश में न केवल शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक समस्याऐं पैदा कर रही हैं बल्कि यह देश की प्रगति में रोड़े का काम कर रही है। 


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड परिवहन मंत्री श्री चंदन रामदास जी ने आने में असमर्थता व्यक्त की लेकिन उन्होंने वर्चुअल ऑडियो-विजुअल के माध्यम से डॉ. संजय की संस्था को सड़क सुरक्षा अभियान के लिए शुभकामनाऐं दी एवं आभार प्रकट किया। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के प्रति चिंता जताई। उत्तराखण्ड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है और हर ढ़ंग से दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयत्नशील है। 


श्री अक्षय कोंडे, एस.पी. ट्रैफिक पुलिस, देहरादून ने आए हुए विद्यार्थियों से अपील की कि जब ट्रैफिक पुलिस के रोकने से लोग नहीं रूकते हैं तो यह बहुत बुरी बात है। उन्होंने कहा कि हमें ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए और यातायात के उलंघन करने वाले व्यक्तियों के बारे में एप के माध्यम से ट्रैफिक पुलिस को सूचित करें। पद्म श्री से सम्मानित पर्यावरणविद् श्री डॉ. कल्याण सिंह रावत ने कहा कि सड़कों पर खुले हुए जानवर यातायात में अवरोध कर रहे हैं जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना ज्यादा हो जाती है। आए हुए अतिथि कवि श्री जसवीर सिंह हलधर जी ने राष्ट्र भक्ति की कविताओं के माध्यम से राष्ट्र भक्ति के प्रति प्रेरित किया। वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. हिमांशु कोचर ने बताया कि दुर्घटना होने पर हाथ-पैर को स्पिलिंट करने की आवश्यकता होती है जिसको किसी लकड़ी, गत्ते से स्पिलिंट करना चाहिए। 


इंडिया एवं इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने बताया कि सड़क दुर्घटना होने पर आस-पास के लोगों को मरीज को सबसे पहले मरीज का नाम पूछें जिससे उसके होश में होने का पता चल सके और खून को रोकने के लिए किसी भी कपड़े से बाँध देना चाहिए जिससे खून का बहाव कम हो जाए। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर "हर घर तिरंगा" अभियान के अंतर्गत संस्था के निदेशक पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, विद्यार्थियों एवं संस्था के कर्मचारियों को राष्ट्रध्वज वितरित किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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