पर्यावरण एक गंभीर मुद्दा है । विश्व जल रहा है, उत्तराखंड जल रहा है ।
हाल में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट में कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीसी तिवारी के शोधपत्र के हवाले से बताया गया है कि हिमालयी क्षेत्र का तापमान सन 2000 से 2010 तक यानी दस वर्षों में 0.2 डिग्री सेल्सियस और 2011 से 2020 तक 0.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है।
यह स्थिति उत्तरोत्तर चिन्ताजनक होती जाएगी और हिमालय के अधिकांश ग्लेशियर जो पहले ही पिघलकर पीछे हटते जा रहे हैं, उनके गलन में तेजी आएगी। शोध में कहा गया है कि जीवनदायिनी गंगा का उद्गम गंगोत्री ग्लेशियर सालाना 18 मीटर की दर से पिघलता जा रहा है
इस पर्यावरण जागरूकता अभियान का हिस्सा बने फाउंडेशन फॉर सोशल अवेकनिंग (एफएसए) के कार्यकर्ता। पर्यावरण दिवस पर संस्था ने एक जागरूकता रैली निकाली जिसमे स्कूली छात्र छात्राओं ने भी भाग लिया।
संस्था ने उन्हें सम्मानित किया और संस्थापक अध्यक्ष अनुराग ढोंढियाल ने बताया गया कि पर्यावरण संबंधी इन कार्यक्रमों में उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल जी महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत जी , हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हेस्को) के प्रमुख पद्मभूषण डॉ अनिल जोशी, श्री श्याम गांगुली प्रसिद्ध एजुकेशनिस्ट, लेखक ऐवम समाज सेवी समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति की मौजूदगी रहेगी।
सेवन ओक्स स्कूल ऐवम फाउंडेशन ऑफ सोशल अवेकनिंग (एफएसए) नें 5 जून को देहरादून में किया वॉकेथोन का आयोजन किया ।
पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम शृंखला के तहत फाउंडेशन फॉर सोशल अवेकनिंग (एफएसए) के संस्थापक अध्यक्ष अनुराग ढौंडियाल ने बताया कि वॉकाथान के तहत सेवन ओक्स स्कूल के बच्चे गढ़ी कैंट से ओएनजीसी से होते हुए कृष्णा नगर चौक बाजार से गुज़रे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश पंहुचा सकें ।
दिलचस्प था रावण को बंधी बना कर ले जाया गया. रावण के 10 सिर से 10 पर्यावरण की चुनौतीयों को दर्शाया गया था ।
इसी श्रंखला के तहत 13 जून को एक बेहद प्रभावशाली तरीके से लघु नाटिका का मंचन सेवन ओक्स स्कूल के बच्चों द्वारा किया जायेगा ।
सेवन ओक्स स्कूल की सह-अध्यक्ष श्रीमती श्रेया मुखर्जी नें बताया की बच्चे अपने साथ पर्यावरण जागरूकता से संबंधित तख्तियां लेकर चले । उन्होंने कहा कि बच्चे हमारा भविष्य हैं और पर्यावरण के प्रति उनका जागरूक होना बेहद ज़रूरी है.
इस कार्यक्रमों की शृंखला के तहत ही 13 जून को सेवन ओक्स स्कूल, गढ़ी केंट देहरादून में सायं 6 बजे लघु नाटिका “प्रलय” का मंचन भी किया जाएगा।
अनुराग ढौंडियाल के लिखे इस नाटक में पर्यावरण की उदासीनता के कारण बढ़ते खतरे के प्रति आगाह किया गया है।
एक टिप्पणी भेजें