उदाहरण के लिए देवभूमि उत्तराखंड के राजेश चंद्र जैसे कई भारतीय कलाकार हैं जो पारिस्थितिकी के मुद्दों से संबंधित चित्रकारी करते है व मानवता के प्रभाव एक पर्यावरण या इकोलॉजी पर कैसे है इसपर चित्रकारी कर रहे हैं । राजेश भी अपनी इस कला शैली के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्म्मनित हो चुके है हाल ही में उनकी कृति पेपर बोट ने समुद्र में हो रहे प्रदूषण पे सभी का ध्यान केंद्रित किया जिसे सयुंक्त राष्ट्र संघ में भी सराहना मिली ।
दुनिया भर के अन्य रोमांचक कलाकारों की कलाकृतियों में प्राकृतिक वातावरण देखा जा सकता है,
जैसे एकातेरिना एवसेन्को, जॉर्जी जॉर्जीव, और एलेना ओतवोडेन्को
एक बेलारूसी कलाकार एकातेरिना एवसेन्को जो एक बड़ी कम्पनी में काम करने के लिये हुए मास्को चले गए हैं
वे अपनी आध्यात्मिक और कलात्मक भावनाओं को व्यक्त करने का हमेसा माध्यम ढूंढ रहे थे ।
उन्हें विचार आया कि वे तकनीक, लेंस और कैमरों के साथ प्रयोग करते हुए तस्वीरें लें। और इन दो दुनियाओं के बीच एक संवाद बनाये ।
उनकी फोटोग्राफी में हमेसा पर्यावरणीय आपदा की समस्या और उसमे प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका नजर आयी
मेगापोलिस में उन्हें इनका समाधान खोजने का प्रयास किया ।
पूरी सृष्टि पर मानव प्रभाव के विचार के साथ काम करते हुए वह कैंसर रोगियों का सामना कर रही थी। किसी के प्रति अलग-अलग नजरिया
निदान, इच्छाएं और पछतावे एक मजबूत प्रभाव डालते हैं, किसी को क्षणभंगुर के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं
जीवन और उससे जुड़ने के तरीके, और प्रत्येक वर्तमान क्षण को सचेत रूप से जीना कितना महत्वपूर्ण है।
कला और फोटोग्राफी के माध्यम से , एकातेरिना केंसर के मरीजों को मदद करने की योजना बना रही है ताकि व सभी दोबारा जीना सीख सकें।
वह उन्हें बताना चाहती है कि कैंसर रोगी खुद को स्वीकार करे बीमारी से वे अपनी सुंदरता नही खोएंगे
आत्मा, आत्मा की ताकत और जीने की इच्छा को छुपाएं और विकास की ओर ध्यान आकर्षित करें
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बुल्गारिया के पहाड़ों में एक छोटे से शहर में कलाकार जॉर्जी जॉर्जीव पले-बढ़े । वे एक ऐसे कलाकार है जो स्वयं अब सिखे । उनकी दुनिया प्राचीन प्रकृति और वन्य जीवन से घिरी हुई है ।
बचपन से ही उन्होंने हर प्रकृति की हर कृति को अपने शुद्धतम रूप और आकार में जीवन का सम्मान करना सीखा ।
"आकाश से आशा" एक दुखद कहानी है कि हम कैसे एक बिग केट शेर परिवार के एक जानवर को खो देंगे । वो जानवर हिम अमूर तेंदुआ है।
उत्तर-पूर्वी चीन और रूसी सुदूर पूर्व ही अमूर तेंदुए की वर्तमान सीमा है । और अब केवल आसपास
100 अमूर तेंदुए ही जंगल में रहते हैं।
जॉर्जी का जुनून उनकी प्रेरणा है कि हमारे पास जो कुछ था उसे वापिस लाने के लिए कोई प्रयास करे ।
पायरोग्राफी उन्होंने इसे चुना व अपनी कला के माध्यम से वे लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने लगे ।
मानव प्रभाव और प्राकृतिक दुनिया की सुरक्षा।
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मॉस्को की एक रूसी कलाकार एलेना ओटोवोडेंको, स्थिर फोटोग्राफी, करने में माहिर हैं जो अपने कला से
पारिस्थितिक समस्याएं को दर्शाने का काम करती हव। उसकी कई वर्षों पहले इंडोनेशिया की यात्रा के दौरान उसे समुद्र और समुद्र में मौजूद कचरे की भारी मात्रा ने आश्चर्यचकित कर दिया । जैसा ही उसे पारिस्थितिक संकट के बारे में जानकारी मिली, वह दंग रह गयी कि - हर साल, 8 मिलियन टन प्लास्टिक हमारे महासागर में मिल रहा है । अनुमानित 150 मिलियन टन जो वर्तमान में हमारे समुद्री वातावरण में परिचालित होता है।
उसकी तस्वीर 'मछली' बताती है कि कैसे लोगों की सिंगल यूज़ करने वाली प्लास्टिक समुद्री जीवन तबाह कर रही है ।
इस तस्वीर के लिए, ऐलेना ने काला सागर के समुद्र तटों से कचरा इकट्ठा किया, और यही उसकी कला का विषय बन गया । ऐलेना प्रकाश के साथ कुशलता से काम करके तस्वीर के नाटकीय प्रभाव को बढ़ाती है और छाया और मुख्य विषय पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित कराती है। कलाकार का न्यूनतम दृष्टिकोण फोटोग्राफी में दर्शकों को सबसे महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान केंद्रित करवाता है व उन वस्तुओं का विवरण , इतिहास व उसका भविष्य इन पर सवाल खड़ा करता है ।
उसकी कला हम सभी को सोचने पर मजबूर करती है कि हम सभी सिंगल यूज़ प्लास्टिक के समाधान के बारे में सोचें।
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