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परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में चैतन्य रथ उनके जन्म स्थान छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश से भारत भ्रमण करते हुए विभिन्न राज्यों से  होते हुए सहज योग का प्रचार प्रसार करते हुए उत्तराखंड राज्य में प्रवेश कर गया है देहरादून में 5 वें दिन   अपने प्रचार प्रसार कार्य करने के बाद डोईवाला की ओर सहज धाम में प्रस्थान कर गया है ।

डोईवाला सहजधाम सहजयोगियों  द्वारा भव्य स्वागत किया गया रंग बिरंगे पारंपरिक परिधानों में बड़ी संख्या में सहजयोगी उत्साह पूर्वक फूल माला के साथ रथ का स्वागत किया गया श्री माताजी के चैतन्य रथ को ले जाया गया आरती की गई और भजनों की सुंदर प्रस्तुति दी गई

भाने वाला जौली ग्रांट माजरी ग्रांट रानी पोखरी दूधली इत्यादि जगह में आज सहज चैतन्य रथ ने भ्रमण किया और  सहज योग प्रचार प्रसार के बारे में में लोगों को अवगत कराया  शाम को 5:30 बजे सेलिब्रेशन गार्डन में एकत्र होकर सहयोग के बारे में 200 नए लोगों ने  सहज योग ध्यान धारणा का अनुभव एवं आत्म साक्षात्कार प्राप्त किया  ध्यान धारणा के बारे में अपने विचार साझा करें अवगत कराया अलग-अलग जानकारी प्राप्त करी और आत्म साक्षात्कार प्राप्त किया    

 सहजयोग स्टेट युवा शक्ति कॉर्डिनेटर डॉक्टर रोमिल भटकोटी ने बताया कि कल दिनांक 02 जून 2022 को डोईवाला मुख्य ध्यान केंद्र से गढ़वाल श्रीनगर के लिय प्रस्थान करेगा । गढ़वाल के अलग अलग क्षेत्रों  में इसी प्रकार के आयोजन किया जाएगा। बीपी डिमरी डीएस चौहान आर एस चौहान धर्मपाल गोयल आशीष गुप्ता प्रेम गोयल रजत पवार सुनील रतूड़ी कमला चौहान मीना गोयल बड़ी संख्या में सहजयोगि उपस्थित थे।

  सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग अलग स्थानों पर सहज योग उप केंद्र स्थापित किए गए है जो भी आपके घर के पास हो वहा भी जाया जा सकता है इसके लिए सहज योग की वेबसाइट www.sahajayoga.org.inअथवा www.freemeditation.com पर या टोल फ्री नंबर 18002700800 पर संपर्क किया जा सकता है।

क्या है सहज योग ? 

“सहजयोग” मानव के कल्याण हेतु वर्ष 1970 से कार्य कर रहा है एवं विश्व में 140 से अधिक देशों में इस जन जागरण के माध्यम से लाखों लोगों ने शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक समस्याओं से छुटकारा पाकर, अपने जीवन को वास्तव में सुखमय व आनंदमय बना लिया है। प०पू० श्री माता जी निर्मला देवी जी द्वारा सहज में ही मनुष्य में स्थित कुंडलिनी शक्ति के जागरण को सहज में ही जागृत करना संभव कर दिया गया जिसकी प्रचीति प्रत्येक मनुष्य अपने सूक्ष्म शरीर के नाड़ी तंत्र पर कर सकता है। कुछ दिनों के अभ्यास से ही इसका प्रभाव स्वयं ही सिद्ध हो जाता है। 





सहजयोग पूर्णतः निशुल्क है एवं सभी जाति, धर्म, संप्रदाय व आयु इत्यादि की सीमाओं से ऊपर है। कोई भी मनुष्य इसे आसानी से प्राप्त कर सकता है।  अर्थात “सहजयोग” भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत “सर्व धर्म समभाव” को समस्त मानव मात्र में स्थापित करने में सम्पूर्ण विश्व में कार्यरत है। आज के वातावरण में तनाव व अवसाद (डिप्रेशन) से ग्रसित मनुष्य को भी सहजयोग से पहले ही दिन से अत्यंत लाभ का अनुभव हुआ है, फिर चाहे वह किसी भी उम्र का व्यक्ति क्यों न हो। युवा वर्ग के सर्वांगीण विकास में सहजयोग पद्धति से ध्यान करने के अभूतपूर्व सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।  सहजयोग विधि से ध्यान धारणा के लिए किसी प्रकार की कोई पूर्वशर्त नहीं है।

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