विधानसभा सत्र देहरादून में आयोजित करना प्रदेश सरकार का दूरदर्शी फैसला: अजेंद्र अजय
• चारधाम में रिकार्ड संख्या में पहुंचे है श्रद्धालु
देहरादून :
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विधानसभा का बजट सत्र देहरादून में कराए जाने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रस्तावित उपवास को "बालहठ" करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा आभास हो रहा है कि कोरोना काल के पश्चात शुरु हुई रिकॉर्ड तोड़ चारधाम यात्रा पूर्व मुख्यमंत्री रावत को रास नहीं आ रही है और वे इसमें अव्यवस्था व विघ्न देखना चाहते हैं।
अजेंद्र ने कहा कि चारधाम यात्रा के इतिहास में अब तक सर्वाधिक तीस लाख से भी अधिक श्रद्धालु वर्ष 2019 में आए थे। मगर वर्तमान में चारधाम यात्रा ने पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। तीन मई को चारधाम यात्रा के शुरू होने के बाद मात्र चालीस दिनों में श्रद्धालुओं का आंकड़ा बीस लाख की संख्या को छूने जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस प्रकार से श्रद्धालु चारधाम यात्रा को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं, उससे अनुमान है कि इस वर्ष यात्रा नए रिकॉर्ड कायम करेगी।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि गत दो वर्षों में कोरोना महामारी कारण यात्रा बुरी तरह से प्रभावित हुई थी और श्रद्धालु धामों की यात्रा नहीं कर सके थे। इन परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश सरकार व बीकेटीसी को अनुमान था कि इस वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु यात्रा के लिए उमड़ेंगे। लिहाजा, सरकार व बीकेटीसी द्वारा यात्रा की तैयारियों को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चारधाम यात्रा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी का परिणाम की क्षमता से अधिक यात्रियों के आगमन के बावजूद कुछ अपवादों को छोड़कर यात्रा निर्बाध रूप से चल रही है।
अजेंद्र ने कहा कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण के बजाय देहरादून में आहूत किया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी का महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसको देखते हुए स्वयं बीकेटीसी ने भी सरकार को पत्र लिखकर यात्रा के दौरान विधान सभा सत्र गैरसैंण में नहीं आहूत करने का अनुरोध किया था ।
उन्होंने कहा कि जिस संख्या में तीर्थ यात्री व पर्यटक प्रदेश में आ रहे हैं, उस हिसाब से यदि गैरसैण में सत्र आयोजित किया जाता तो यात्रा के सुचारु संचालन में कई कठिनाईयाँ पैदा होतीं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को परिस्थितियों को समझना चाहिए। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कोरोना काल के कारण यात्रा व पर्यटन व्यवसाय को जो क्षति पहुंची थी, वो उससे उबर सके। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि पूर्व मुख्यमंत्री गैरसैंण में उपवास करने के बजाय चारधाम यात्रा व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार को सहयोग करते ।
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