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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने “अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस” के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों एवं श्रमिकों को हार्दिक बधाई दी है। अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन श्रमिकों के समर्पण और मेहनत का दिन है। किसी भी राष्ट्र की तरक्की, उस राष्ट्र के कामगारों पर निर्भर होती है।

International labour day celebrated at mukhky sadan Uttarakhand



मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक वास्तव में कर्मयोगी है जिनके सहयोग से एक बेहतर और समृद्ध राष्ट्र की नींव तैयार होती है। राज्य में श्रम कानूनों का सही प्रवर्तन करने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है तथा श्रमिकों के कल्याण के लिये  सतत् प्रयत्नशील है।

CM Uttarakhand serve  food to labour


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘‘विश्व श्रमिक दिवस‘‘ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने विभिन्न संगठित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों को शुभकामना देते हुए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए हमारे श्रमिक भाई नये भारत के निर्माण का कार्य करते हैं। देश की प्रगति और खुशहाली में अद्वितीय भूमिका निभाने वाले सभी श्रम योगी सम्मान के पात्र है। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारे करोड़ों मजदूर भाई-बहनों की मेहनत और लगन के सम्मान के लिए समर्पित है। वे एक बेहतर और समृद्ध भारत की नींव तैयार कर रहे हैं, वे सही अर्थों में हमारे राष्ट्र-निर्माता हैं। ‘श्रमेव जयते’ के मंत्र के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपने कठिन परिश्रम और संकल्प से भारत को विश्व में अग्रणी बनाने वाले श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया के मजदूरों की एकजुटता के आहवान मात्र से काम चलने वाला नहीं है। इस सदी की आवश्यकताएं और स्थितियां अलग हैं। ‘‘लेबर्स यूनाइट द वर्ल्ड’’ इस सदी का मंत्र हो सकता है। इस मंत्र के साथ आज दुनिया को जोड़ने की जरूरत है। हमारे श्रमिक भाईयों में दुनिया को जोड़ने की ताकत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पूरे देश में 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का शुभारंभ किया था। इससे बड़ी कोई योजना नहीं हो सकती, जो पांच करोड़ परिवारों को छूती हो। हमने श्रम कानूनों में अनेक बदलाव किए हैं। इसके तहत कभी मात्र 15, 50 या 100 रुपये मासिक पेंशन पाने वाले श्रमिकों को हमारी सरकार ने अब न्यूनतम एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था की है। इसके अलावा श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया है, जिसके तहत आठ अहम श्रम कानूनों को एक कर उनके सरलीकरण का काम किया गया। आज हर श्रमिक को एक विशेष लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया गया ताकि उसकी पहचान बन जाए और उसे अवसर मिलें। साथ ही एक नेशनल सर्विस पोर्टल भी बनाया गया है, ताकि श्रमिक और नियोजक के बीच तालमेल हो सके। इसके अलावा बोनस सम्बन्धी कानून में भी बदलाव कर कामगारों को लाभ पहुंचाया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने लेबर्स यूनाइट द वर्ल्ड’ का नारा, मैं मजदूर नंबर-1 हूं का नारा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी खुद को एक मजदूर मानते हैं, उन पर उत्तराखंड के लोगों के प्यार का कर्ज है। उत्तराखंड के विकास से लोगों का कर्ज चुकाने का उनका भरसक प्रयास है। पूर्व की सरकारों ने गरीबी हटाने के लिये नारे बहुत लगाये गये, योजनाएं भी बनीं लेकिन वह गरीब के घर को नहीं बल्कि मतपेटियों को ध्यान में रखकर बनायी गयीं। इस देश से गरीबी तभी जाएगी, जब गरीब को गरीबी से लड़ाई लड़ने की ताकत मिलेगी। इसके लिये उसे शिक्षा, रोजगार, घर, बिजली, पेयजल उपलब्ध कराना जरूरी है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में मजदूरों को सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। 

इस दौरान  केबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा श्रमिकों के हित में उठाये गये कदमों तथा उनके कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी दी। 

इस अवसर पर जिलाधिकारी देहरादून श्री आर. राजेश कुमार, नगर आयुक्त के साथ ही बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथों श्रमिकों को सम्मानित करने के साथ खुद अपने हाथों श्रमिकों को जलपान भी कराया



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