देहरादून:
व्यासी जल विद्युत परियोजना(ब्लॉक कालसी, चकराता, देहरादून)व्यासी जल विद्युत परियोजना लखवाड़ ,ब्लॉक कालसी जिला देहरादून के अंतर्गत आता है
गांव को जलमग्न होते हुए, देखती महिलाएं
यमुना नदी पर निर्मित इस परियोजना के बांध की ऊंचाई : 204 मीटर (669 फीट) ,उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट है।
सौ-सौ मेगावाट क्षमता की तीन टरबाइन इस परियोजना में कार्य करेंगी।
परियोजना 9.57 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में फैली हुई है।इसका निर्माण कार्य 1987 मे शुरू हुआ था।
यमुना नदी जुडडो में बनने वाला बांध बिजली उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेेश में बिजली की किल्लत भी दूर होगी। व्यासी जलविद्युत परियोजना के लिए बनाए गए डैम में पानी भरने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। 120 मेगावाट की यह जल विद्युत परियोजना प्रदेश को बिजली की समस्या से मुक्त कराएगी। पानी भरने के दौरान डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में भी पानी भर गया।गांव को जलविद्युत निगम व प्रशासन ने कई दिन पहले ही खाली करा लिया था।
खाली कराते समय गांव में बेबसी और अपनी मिट्टी से बिछड़ने का गम आंसुओं के रूप में बाहर आया।
गांववासी फूट फूट कर रोने लगे।हालांकि गांव में रहने वाले परिवारों को गांव में ही ऊंचाई पर बने एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय व जलविद्युत निगम की कालोनी के 12 अन्य मकानों में शिफ्ट किया गया।
सोशल मीडिया पर ये वीडियो लगातार वायरल होता रहा।
व्यासी जल विद्युत परियोजना से लोहारी गांव के प्रभावित परिवार के लोगों ने कल कैंप कार्यालय में जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार से विभिन्न समस्याओं को लेकर मुलाकात की।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि विस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण होने तक निवास हेतु अस्थाई आवासीय सुविधा मुहैया कराई जाय। लोहारी गांव की अतिरिक्त भूमि पर ही विस्थापन करने का अनुरोध किया ताकि ग्रामीण स्थानीय लोक संस्कृति एवं रीति रिवाज से जुडे़ रहे।
जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने उपजिलाधिकारी चकराता एवं
यूजेवीएनएल के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बुधवार को चिन्हित
स्थल पर पहुंच कर संयुक्त निरीक्षण करे। कहा कि उक्त स्थल का भूगर्भीय
सर्वेक्षण कराते हुए क्षेत्र की सुरक्षा के मापदण्डों का भली भांति पालन
करते हुए स्थान का चिन्हांकन किया जाए।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियो को मानवीय पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए एक सप्ताह के भीतर लोहारी गांव से हटाये गए परिवारों के लिए अस्थायी रूप से रहने की व्यवस्था की जाए तथा ग्रामीणों को अस्थायी निवास हेतु चिह्नित किए गए स्थल पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाय।
उन्होंने उपजिलाधिकारी चकराता एवं यूजेवीएनएल के अधिकारियों को मौके पर जाकर लोहारी ग्राम वासियों से संवाद स्थापित करते हुए उनकी शंकाओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
परियोजना के प्रभारी अधिकारी व जलविद्युत निगम के सहायक महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने बताया कि व्यासी डैम में पानी का स्तर फिलहाल 629 मीटर पहुंच गया है। जबकि देर रात तक जलस्तर के निर्धारित 631 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश को इस परियोजना से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी शैलेन्द्र नेगी, उप जिलाधिकारी चकराता सौरभ असवाल, उप महाप्रबंधक यूजेवीएनएल जे.के उपाध्याय, जीएम सुनील कुमार जोशी, परियोजना निदेशक सुरेश चन्द्र बलुनी, राजीव कुमार अग्रवाल, सहित स्थानीय ग्रामीणों में नरेश चैहान, सुखपाल, कुलदीप चैहान उपस्थित रहे
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