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 बुजुर्गों के लिए कानून एक नजर में ............ ललित मिगलानी एडवोकेट हाई कोर्ट नैनीताल




आज कल जैसे वरिष्ठ नागरिकों के हालात है वाकई चिंताजनक है ये जीवन का वो दोर है जहा अपनों के साथ शरीर भी साथ नहीं देता ऐसे वक्त में वरिष्ठ नागरिकों  को कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता हैI कही पर तो उनको अपनों की उपेक्षा सहनी पड़ती है तो कही समाज में जीवन सुरक्षा के लिए लड़ना पड़ता हैI वरिष्ठ नागरिकों  की तमाम समस्यायों को देखते हुए कानून बनाया गया जिससे वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 कहा गया। इस कानून को बुजुर्गो का सहारा माना गया और इससे वह अपनी मदद खुद कर सकते हैं। अधिनियम का लाभ 60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ही मिलेगा।

अधिनियम की किस धारा में क्या हैं प्रावधान

- धारा 2 डी के तहत इन्हें मिलेगा फायदा : जन्मदाता माता-पिता, दत्तक संतान ग्रहण करने वाले, सौतेले माता और पिता

-धारा 2(जी) उनके लिए जिनके बच्चे नहीं : अधिनियम की ये धारा उनके लिए हैं जिनके बच्चे नहीं हैं। ऐसे में उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी वे संबंधी उठाएंगे जो उनकी संपत्ति के हकदार हैं।

धारा 5 के ये हैं लाभ

-वे वरिष्ठ नागरिक जिनकी देखरेख उनके बच्चे या संबंधी नहीं कर रहे है वे एसडीएम कोर्ट (ट्रिब्यूनल) में शिकायत कर सकते हैं।

-प्रार्थना पत्र चाहे स्वयं दें या फिर किसी एनजीओ के माध्यम से दे सकते हैं। ऐसे मामलों का ट्रिब्यूनल खुद भी संज्ञान ले सकता है।

-बच्चों अथवा संबंधियों को नोटिस मिल जाने के बाद 90 दिन के अंदर फैसला हो जाता है। अपवाद की स्थिति में 30 दिन समय बढ़ाया जा सकता है।

-माता-पिता चाहें तो अपने सभी पुत्र-पुत्रियों अथवा किसी एक के खिलाफ भी प्रार्थना पत्र दे सकते हैं।

-अंतरिम गुजारा भत्ता की राशि ट्रिब्यूनल दस हजार रुपये तक तय कर सकता है। न देने पर जेल भी हो सकती है।

-ट्रिब्यूनल प्रार्थना पत्र को समझौते के लिए नामित अधिकारी के पास भी भेज सकते हैं।

देखभाल नहीं की तो नहीं मिलेगी संपत्ति

धारा-14 : सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता का वाद न्यायालय में लंबित है तो वापस लेकर ट्रिब्यूनल में लगाया जा सकता है।

धारा-19 : राज्य सरकार प्रत्येक जिले में कम से कम एक ओल्ड एज बनाएगी। इसमे 150 लोग रखे जा सकेंगे। वरिष्ठ नागरिकों के रहने खाने, चिकित्सा, मनोरंजन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

धारा-20 : जिले के सरकारी चिकित्सालयों में बेड आरक्षित करने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की होगी।

धारा-23 : माता-पिता ने अपनी संपत्ति बच्चों को दे दी है और बच्चे उनकी सेवा नहीं कर रहे तो संपत्ति पुन: माता पिता के नाम पर आ जाएगी।

सुरक्षा के लिए ध्यान रखें

प्रदेश सरकार के निर्देश पर पुलिस ने बुजुर्गों के लिए पॉकेट गाइड जारी की गई है। इसमें बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए कई दिशा निर्देश हैं।

-घर में नए कर्मचारी की नियुक्ति से पहले पुलिस वेरीफिकेशन कराएं।

-घर की कुछ अतिरिक्त चाबियां गुप्त जगह पर रखें, सीसीटीवी लगवाएं।

-घर के बाहर जाएं तो पड़ोसी और चौकीदार को सूचना और मोबाइल नंबर दें।

-एटीएम का पासवर्ड, ओटीपी किसी को भी न बताएं।

-अज्ञात व्यक्ति द्वार पर हों तो किसी सूरत में दरवाजा न खोलें।

-रुपये-पैसे, संपत्ति की चर्चा करते समय ध्यान रखें नौकर पास में न हों।

ये हैं विशेष प्रावधान

-अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए पांच लाख रुपये तक की आय गैर कर योग्य है ।

-गंभीर बीमारी से पीडि़त वरिष्ठ नागरिक धारा 80 डीडीबी के तहत 60 हजार रुपये तक कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं

-एयर इंडिया हवाई यात्रा पर 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को किराये में 50 फीसद की छूट देता है।

-एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, राजधानी, शताब्दी, जनशताब्दी, दूरंतो ट्रेनों पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष अैर 58 वर्ष से अधिक की महिलाओं को क्रमश: 40 और 50 फीसद छूट मिलती है।

-एनआइसीएल 60-80 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ मेडिक्लेम पॉलिसी प्रदान करती है। अस्पताल में भर्ती के लिए अधिकतम बीमा राशि एक लाख और गंभीर बीमारी के लिए दो लाख रुपये है।

-65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक प्राथमिकता के आधार पर बीएसएनएल टेलीफोन पंजीकरण के लिए पात्र हैं। पंजीकरण शुल्क भी माफ है।

साइबर सुरक्षा भी जरूरी

-ऑनलाइन शॉपिंग सुरक्षित वेबसाइट्स से ही करें। किसी भी ई-मेल का जवाब देने से पहले पड़ताल कर लें।

-बैंक व अन्य पासवर्ड किसी से साझा न करें और समय-समय पर बदलते रहें। एटीएम कार्ड का कोड किसी को न बताएं।

पुलिस से मांगे मदद

-काल करें 100, 112

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