डोईवाला :
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा क्षेत्र की जनता बिजली पानी के लिये मोहताज है । संबंधित विभाग के अधिकारियों जिला प्रभारी से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के सुस्त रवैया से शहरवासी परेशान हैं। आम जनता अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ देखें या बिजली और पानी विभाग के पीछे दौड़े यह समझ नहीं आता.
आर्यनगर कालोनी के निवासी जल निगम की लापरवाही से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटे हुए हैं.
बिजली विभाग का व्यवहार तो और ही चौंकाने वाला है दीपावली का पहला पर्व करवाचौथ भी बत्ती गुल के दायरे में सिमट कर रह गया । भारत-पाकिस्तान के मैच को दिखाने के लिए कम से कम खैरी रोड की तरफ स्ट्रीट लाइट की चलती रही परंतु उसके बाद से लेकर अभी 1:45 बजे तक बिजली का नामोनिशान नहीं है।
विभागीय अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं और एक से दूसरे विभाग पर टालते रहते हैं। जनप्रतिनिधि गौरव मल्होत्रा का कहना है कि कल शाम है बारिश के कारण क्षेत्र की बत्ती गुल हो गई थी।
परंतु रात्रि 9:00 बजे के बाद बाजार क्षेत्र की समस्या तो दूर हो गई परंतु खैरी रोड और शुगर मिल की आवासीय कॉलोनी सहित तमाम जगहों को अभी तक बिजली नहीं होने का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जीरो जीरो टॉलरेंस की सरकार में बिजली विभाग के अधिकारी नकारा हो गए हैं और अपनी जिम्मेदारी को इसीलिए सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं भाजपा नेतृत्व खामोश बैठे हैं और क्षेत्र के विधायक ने आम जनता की समस्याओं को एक किनारे रख दिया है। साथियों ने कहा है कि संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर से बात करने पर इंजीनियर ने उन्हें कहा है कि जनता से कोई शिकायत ही नहीं आई है तो हम क्या काम करें?
लगभग 20 घंटे क्षेत्र में बिजली नहीं है परंतु इसकी सुध लेने वाले ना तो जनप्रतिनिधि हैं ना क्षेत्रीय विधायक हैं और ना ही राजनीति करने वाले तथाकथित समाजसेवी हैं।
मुद्दा यह है कि पूरे क्षेत्र में चुनावी बयार बहने लगी है परंतु सभी राजनीतिक दल आम जनता के समस्याओं से बेखबर हैं ऐसे में सभी दलों को सोच लेना चाहिए कि जनता आने वाले चुनाव में उन्हें क्या जवाब देगी?
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