सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रभावितो को सहायता राशि बढाई गई
विभिन्न मदों में बढाई गई सहायता राशि
पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पङे। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपङे, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रूपये से बढाकर 5000 रूपये किया गया है। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रूपये प्रति भवन और पहाङी क्षेत्रों में 1लाख 1 हजार 900 रूपये प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढाकर 1 लाख 50 हजार रूपये प्रति भवन किया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 5200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 7500 रूपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 3200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 5000 रूपये प्रति भवन किया गया है। भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रूपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी। जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्तूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।
राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रूपये की सहायता दी जाएगी।
एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सङको को गड्ढामुक्त करना है। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनंद बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री अमित नेगी, श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एस ए मुरूगेशन, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, आयुक्त कुमाऊँ श्री सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रांत अध्यक्ष, सक्षम एवं दिव्यांग एसोसिएशन श्री ललित पंत एवं उत्तराखंड दिव्यांग सशक्तिकरण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित डोभाल के साथ दिव्यांगजनों ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं एवं मांग पत्र सौंपा। दिव्यांगजनों ने उनकी मासिक पेंशन में वृद्धि करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिव्यांगजनों की मांगों पर विचार कर उचित समाधान निकाला जाएगा। दिव्यांगजनों के हित में जल्द निर्णय लिया जाएगा। सरकार हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है। सभी वर्गों को राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यों के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालय के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा।
दल द्वारा यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जायेगा। दल पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रेकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर पर सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर निदेशक श्री विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद मौजूद थे ।
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