रुद्रप्रयाग की तुंगेश्वर घाटी में 9 ग्राम सभाओं के प्रधानों ने किया सामूहिक संगोष्ठी का आयोजन ।
विभिन्न ग्राम सभाओं से आयोजन में जुटे सैकड़ों ग्रामीण विद्युत उपभोक्ता ।
उपभोक्ताओं के हितों की नहीं होती है अनदेखी, सी.जी.आर.एफ. में मामलों की शत प्रतिशत होती है सुनवाई - मैठाणी
ऊखीमठ, 03 सितंबर 2021, जनपद रुद्रप्रयाग की ऊखीमठ तहसील के 9 गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा मॅक्कुमठ में ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि व मुख्य वक़्ता के तौर पर विद्युत उपभोक्ता अदालत कर्णप्रयाग मंडल के सदस्य शशि भूषण मैठाणी ने शिरकत की ।
मक्कूमठ में आयोजित विद्युत उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम एवं संगोष्ठी में विभिन्न गांवों के क्षेत्रीय पंचायत प्रतिनिधियों, सैकड़ों उपभोक्ताओं के अलावा ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने भी प्रतिभाग किया ।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि एवं वक़्ता शशि भूषण मैठाणी ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति विस्तार से जानकारी दी । इसी क्रम में उन्होंने सीधे उपभोक्ताओं से मंच से संवाद भी किया । ग्राम प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने अपने सवाल में पूछा कि उपभोक्ता जब नए विद्युत संयोजन के लिए आवेदन करता है तो उसके द्वारा एक हजार छः सौ रुपये धनराशि जमा की जाती है, के बाबजूद भी उपभोक्ताओं से केबल व मीटर का अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है क्या यह जायज है ? इस सवाल के जवाब में उपभोक्ता सदस्य शशि भूषण मैठाणी ने कहा कि उपभोक्ता द्वारा जब आवेदन किया जाता है और उस वक़्त जो धनराशि रुपया सोलह सौ की रसीद विभाग द्वारा काटी जाती है, तो उसमें उपभोक्ता की सिक्योरिटी राशि जो कि रिफंडेबल होती है के अलावा विद्युत संयोजन तक की भी धनराशि जमा होती है । इसलिए उपभोक्तओं को मीटर से वितरण लाईन अथवा खम्बे तक के 40 मीटर तक कोई भी अतरिक्त पैसा देने की जरूरत नहीं है ।
उथिण्ड के ग्राम प्रधान हर्षवर्धन सेमवाल ने जले हुए मीटरों के बारे में पूछा कि कई उपभोक्ताओं के मीटर लंबे समय से जले रहते हैं, जिन्हें बदला नहीं जाता है और ऐसे में फिर बिल किस आधार पर उपभोक्ताओं को दिया जाता है ? और क्यों ? संवाद कार्यक्रम में इस सवाल के जवाब में मंच के सदस्य उपभोक्ता शशि भूषण मैठाणी ने जानकारी दी कि मीटर जलने की दशा में सबसे पहले उपभोक्ता के घर अथवा प्रतिष्ठान में विद्युत आपूर्ति ठप्प हो जाती है । इसकी सूचना तुरन्त अपने नजदीकी सब स्टेशन पर दें या टोल फ्री नम्बर 1912 पर सूचना दर्ज करें । फिर विभाग की जिम्मेदारी है कि वह शहरी क्षेत्र में 3 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ता की विद्युत आपूर्ति बहाल करेगा । इसी तरह जले हुए मीटर को शहरी क्षेत्र में 3 दिन व ग्रामीण क्षेत्र में 6 दिनों के भीतर आवश्यक रूप से बदला जाना जरूरी है ।
सदस्य शशि भूषण ने आगे बताया कि मीटर यदि क्षमता से अधिक की खपत के कारण जला है तो उसका भुगतान उपभोक्ता को करना पड़ेगा और यदि तकनीकी कारणों से जला है तो नए मीटर के लिए किसी भी प्रकार से भुगतान उपभोक्ता से नहीं लिया जा सकता है । जले अथवा खराब मीटर बदलने में यदि विभाग की लापरवाई पाई जाती है तो उपभोक्ता को प्रत्येक दिन के हिसाब से विभाग द्वारा मुआवजा दिए जाने का भी प्रावधान है । बशर्ते कि उक्त से संदर्भित साक्ष्य उपभोक्ता के पास हों अथवा मामले की सुनवाई उपभोक्ता अदालत में की जा रही हो तो ।
अरविंद सिंह ग्राम प्रधान पाव ने सवाल किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई उपभोक्ताओं को लगातार अंदाजे से बिल दिए जाते हैं जो कि खपत से अधिक के होते हैं ऐसे मामलों की सुनवाई उपभोक्ता अदालत में है ?
सदस्य शशि भूषण ने कहा कि बिल्कुल ऐसे अनेकों मामले हमारे सामने सुनवाई हेतु आ रहे हैं ।और कई मामलों में लापरवाई सामने आ चुकी है और लोगों के बिल माफ भी किये जा चुके हैं । उन्होंने कहा कि विभाग किसी भी उपभोक्ता को दो बिलिंग सर्किल अथवा तीन माह से अधिक समय तक आई डी एफ, आर डी एफ एवं एन आर बिल नहीं दे सकता है यह सरासर उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के नियमों का उल्लंघन है । ऐसे मामलों में मंच द्वारा उपभोक्ता के दो अथवा तीन माह से अधिक के सभी बिलों को माफ कर दिया जाता है और विभागीय लापरवाई पाए जाने पर उपभोक्ता 50 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देने का भी आदेश दिया जाता है ।
मैठाणी ने विद्युत उपभोक्ताओं को जानकारी दी कि किसी भी प्रकार समस्याओं के लिए टोल फ्री नम्बर 1912 का उपयोग अवश्य करें । साथ विभाग में भी लिखित शिकायत दर्ज करें और प्राप्ति रसीद प्राप्त करें । फिर भी समस्या निस्तारण यदि तय समय में नहीं हो पाए तो फिर उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करें ।
श्री मैठाणी ने कहा कि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग व राज्य सरकार ने चमोली और रुद्रप्रयाग के उपभोक्ताओं की समस्याओं के निवारण के लिए कर्णप्रयाग मंडल में यह नया फोरम का गठन किया है ।
उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में दर्ज शिकायतों का 30 से 60 दिनों के भीतर निस्तारण करना अनिवार्य है । इसलिए इस फोरम में शत प्रतिशत शिकायतों की सुनवाई कर तय समय में निस्तारण कर फैसला दे दिया जाता है ।
शिविर में इस दौरान क्षेत्र के 25 उपभोक्ताओं ने विद्युत संबंधित शिकायतों को लिखित रूप से सदस्य शशि भूषण मैठाणी के समक्ष जमा किया ।
संगोष्ठी का संचालन प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने किया । इस अवसर पर ऊर्जा निगम से अवर अभियंता सूरज सिंह रावत, सरदार सिंह एवं सतीश कुमार मैठाणी, तुंगनाथ मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी, सरपंच वन पंचायत मक्कू मदन सिंह राणा, प्रधान पाव-जगपुड़ा अरविन्द रावत, प्रधान उथिण्ड हर्षवर्धन सेमवाल, प्रधान भींगी शांता देवी, प्रधान पैलिंग , उपप्रधान मक्कू अतुल मैठाणी, विद्युत उपभोक्ता जीतपाल सिंह भण्डारी, उमेश मैठाणी, लाखीलाल, मिठ्ठन लाल , पंकेश लाल आदि मौजूद थे ।
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