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  • भारत का एकमात्र ‘आयुष्मान गोल्ड क्वालिटी’ सर्टिफाइड टीचिंग हॉस्पिटल का दर्जा भी प्राप्त
  • योजना लागू होने के बाद से हिमालयन हॉस्पिटल में अब तक करीब 74 हजार से ज्यादा रोगियों का उपचार

डोईवाला:

 

केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के तीन वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। योजना के संचालन में हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। इस योजना के तहत रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देने में हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट देशभर में पहले पायदान पर कायम है। योजना के लागू होने के बाद से हिमालयन हॉस्पिटल में अब तक करीब 74 हजार रोगियों का उपचार निशुल्क किया जा चुका है।




कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को निशुल्क उपचार देने में भी हिमालयन हॉस्पिटल ने एक मिसाल कायम की है। आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को उपचार देने में हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट अग्रणी है। डॉ.धस्माना ने इसके लिए हॉस्पिटल के सभी चिकित्सक, नर्सिंग, पैरामेडिकल सहित हॉस्पिटल में आयुष्मान विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों के कार्य की सराहना की है। यही नहीं, कोरोना संकट काल में भी हिमालयन हॉस्पिटल रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देने से पीछे नहीं हटा।


*हिमालयन देश का पहला आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड टीचिंग हॉस्पिटल*

हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट ने आयुष्मान योजना के तहत देशभर में सबसे ज्यादा रोगियों का निशुल्क उपचार ही नहीं किया। बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के तहत गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया करवाई। इसके लिए भारत सरकार ने हिमालयन हॉस्पिटल को ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफिकेशन’ का दर्जा दिया। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड के मानक कितने कठिन हैं इस बात से समझा जा सकता है कि भारत में करीब 650 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हैं। इनमें से हिमालयन देश का पहला टीचिंग हॉस्पिटल है जो ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड’ है।


*हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में आयुष्मान लाभार्थी मरीजों की संख्या*

साल          रोगी

2018-      3683

2019-    23250

2020-    31364

2021-    15716


*कुल रोगी- 74,013*

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