देहरादून :
जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत मास्क एवं सामजिक दूरी का कड़ाई से पालन करवाने, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं समस्त एमओआईसी को टीकाकरण में तेजी लाने एवं सैम्पलिंग बढाने के साथ ही नियुक्त सभी नोडल अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि देखा जा रहा है सार्वजनिक स्थानों, सब्जी मण्डी, दुकानों पर लोग मास्क एवं सामाजिक दूरी के मानकों का पालन नहीं कर रहें, जो कि कोविड संक्रमण के दृष्टिगत गम्भीर है। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मानकों का कड़ाई से पालन करवाए, इसके लिए बाजारों, माल्स, सब्जी मण्डी आदि स्थानों पर निरीक्षण करें तथा पुलिस के समन्वय से बाजारों में मास्क एवं समाजिक दूरी का पालन करवाते हुए मानकों का उल्लंघन करने वालों का चालान करते हुए उनके विरूद्ध निर्धारित मानकों के अनुरूप सख्त कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने विकासनगर में 45 वर्ष अधिक उम्र के व्यक्तियों का कम टीकाकरण होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चिकित्साधिकारी विकासनगर को टीकाकरण का प्लान तैयार करते हुए उप जिलाधिकारी विकासनगर एवं बीडीओ से समन्वय करते हुए जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों से वार्ता करते हुए 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का टीकाकरण पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त एमओआईसी को विकासखण्डवार कितने लोगों का टीकाकरण हो गया है उसका विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए साथ ही यह भी कहा कि जिन स्थानों पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का 90 प्रतिशत् टीकाकरण नहीं हुआ है उन स्थानों 18-44 का टीकाकरण शुरू करने से पहले 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का टीकाकरण पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने खाद्य आपूर्ति, सीबीआई, एयरपोर्ट, भारतीय खाद्य निगम तथा सिविल डिफेंस के माध्यम से ड्यटी पर लगाए गए कार्मिकों का टीकाकरण प्राथमिकता से शुरू कराएं साथ ही परिवहन निगम, जल संस्थान, एलपीजी, सीएजी, बाल विकास विभागों के कार्मिकों का टीकाकरण करवाए जाने की योजना बनाएं।
उन्होंने जिला सर्विलांस अधिकारी को निर्देश दिए कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों, सब्जी मण्डी, बाजारों के साथ ही बस स्टैण्ड, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, सीमावर्ती चैकपोस्टों पर सैम्पलिंग में तेजी लाने हेतु अधिकाधिक टीमें तैनात की जाए। उहोंने जिला डेंगू/मलेरिया अधिकारी को निर्देशित किया कि वे डेंगू संक्रमण से बचाव हेतु नगर निगम एवं स्थानीय निकायों से समन्वय करते हुए सर्विलासं,फाॅगिंग, कीटनाशक दवा सोडियम हाईपोक्लोराईट आदि का छिड़काव करते हुए इस हेतु लोगों को जागरूक कर लार्वा हटाने की भी कार्यवाही करें।
तहसील चकराता क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम मटियावाला, मेहरावना, त्यूनी क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम ट्यूटाड, ग्राम चैसाल, ग्राम रायगी, ग्राम रोडिया, तहसील डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत वार्ड न0-10 कैलाशकुंज गली न0-07 भानियावाला एवं तहसील विकासनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित वार्ड न0-10 ग्राम मेदनीपुर बद्रीपुर (मजरा झाड़ोवाला) में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति चिन्हित होने के फलस्वरूप उक्त क्षेत्रों को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया था। उक्त क्षेत्रों में 14 दिनों तक एक्टिव सर्विलांस किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी की संस्तुति पर उक्त क्षेत्रों को कन्टेंमेंट जोन क्षेत्र से मुक्त किया गया है।
जिलाधिकारी डाॅं0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत प्राप्त हुई रिपोर्ट में 94 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव प्राप्त होने के फलस्वरूप जनपद में आतिथि तक कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 110003 हो गयी है, जिनमें कुल 105633 व्यक्ति उपचार के उपरान्त स्वस्थ हो गये हैं। वर्तमान में जनपद में 392 व्यक्ति उपचाररत हैं। आज जांच हेतु कुल 3943 सैम्पल भेजे गए। जनपद में जिला प्रशासन द्वारा 36 एवं एसडीआरएफ द्वारा 18 तथा विभिन्न विकासखण्डों में 33 होम आयशोलेशन किट का वितरण किया गया।जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग और जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय के समन्वय से आज राफेल होम देहरादून में दिव्यांगों के टीकाकरण हेतु विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें आज कुल 39 व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में जिला प्रशासन ने दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों के कोविड-19 टीकाकरण हेतु विशेष व्यवस्था की है। इसके तहत् जनपद देहरादून के ऐसे दिव्यांगजन जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं किन्तु चलने-फिरने में असमर्थ हैं तथा ना ही उनके साथ कोई अटेंडेंड है, ऐसे दिव्यांगजन अपने टीकाकरण हेतु अपनी सूचना स्मार्ट सिटी के पोर्टल लिंक http://dsclservices.org.in/vaccine-registration/ पर जाकर अंकित कर सकते हैं। इस सूचना से जनपद देहरादून की स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें टीकाकरण हेतु सहायता प्रदान करेगी। इस पोर्टल पर ऐसे बुजुर्ग भी आवेदन कर सकते हैं जो चलने-फिरने की अवस्था में नही है। पंजीकरण हेतु पहचान पत्र और दिव्यांगता प्रमाण पत्र अपलोड किया जाना अनिवार्य है।, जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मानसून सीजन के दृष्टिगत नदी, नालों, नालियों, नहरों की साफ-सफाई एवं गिरासू भवनों को चिन्हित करते हुए नगर निगम एवं नगर पालिका परिषदों से सहयोग लेकर इन स्थानों का खाली कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नदी/नालों के समीप बस्ती आबादी जहां जलभराव/ भू-कटाव की सम्भावना है ऐसे स्थानों पर रह रहे व्यक्तियों को अलर्ट करते हुए बाढ एवं भारी वर्षा होने के दौरान नजदीकी स्थान पर स्थानान्तरित करने हेतु स्थानों का भी चिन्हीकरण कर लिया जाए।
जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा माह मार्च 2020 के उपरान्त कोविड महामारी से पिता/माता/सरंक्षक की हुई मृत्यु के कारण जन्म से 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, शिक्षा, चिकित्सा, चल-अचल सम्पति एवं उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों के संरक्षण के सम्बन्ध में जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम बैठक आयोजित करते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्देशित किया कि वे खण्ड विकास अधिकारी तथा बाल विकास विभाग के समन्वय से कोविड-19 के दौरान अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चों, जैसे माता-पिता दोनों की अथवा माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु होने पर एक तरह बेसहारा हुए बच्चों की निर्धारित प्रारूप पर सोमवार तक जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को सूचना प्रेषित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिला विकास अधिकारी को खण्ड विकास अधिकारियों तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास विभाग को आगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से ऐसे सभी बच्चों की पहचान करते हुए सही सूचना उपलब्ध करवाने में सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज के बाद भी यदि कोई बच्चा निराश्रित छूटता है तो उनकी भी तत्काल सूचना दी जाए। उन्होंने कहा कि अनाथ अथवा निसहाय बच्चों के सम्बन्ध में सारी जानकारी जैसे वर्तमान में बच्चा किसके पास है, किस हालात में है तथा उसका संरक्षक है अथवा नहीं इत्यादि जानकारी पहले से ही तैयार करके रखें ताकि सरकार द्वारा उनके पुनर्वास, संरक्षण अथवा उनके शैक्षिक उत्थान के लिए जो भी प्रयास करेगी उन तक तेजी से पंहुच जाय।
जिलाधिकारी ने ऐसे बच्चे, जो बिल्कुल अनाथ हो गये हैं तथा जिनका कोई भी संरक्षक नही है, उनकी सूचना तत्काल देने को कहा ताकि उनको शिशु अथवा बाल सदन में तत्काल आश्रय दिया जा सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि कोविड काल की संपूर्ण अवधि के दौरान किसी भी बच्चे का ना तो नाम काटा जाय तथा ना ही फीस देने का अतिरिक्त दबाव डाला जाय।
इस दौरान वीडियोकान्फे्रसिंग से आयोजित बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, विभिन्न क्षेत्रों के उप जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, खण्ड विकास अधिकारी, डीपीओ बाल विकास डाॅ अखिलेश मिश्रा सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
एक टिप्पणी भेजें