पहले कोविड महामारी के दौरान SDRF के अनेक अभियानों का हिस्सा बन बने जांबाज कोरोना वॉरियर्स, कोविड से संक्रमित हुए तो बुलन्द आत्मविश्वास से जीती जंग,
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अब एक माह में दो बार प्लाज़्मा दान कर दो इंसानों के जीवन बचाने का सौभाग्य किया हासिल. ऐसे प्रेरणा स्रोत जांबाज है SDRF पुलिस का हिस्सा, नाम है दीपक पन्त जिनके बुलन्द इरादों के समक्ष कोरोना ने घुटने टेके.
दीपक पन्त वर्ष 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए मूल रूप से चमोली जनपद के रहने वाले दीपक वर्ष 2014 से ही SDRF का हिस्सा है है पिछले वर्ष रेस्कयू अभियान के दौरान ये कोविड के चपेट में आ गए थे।
दीपक पन्त द्वारा माह अप्रैल में 15 तारिख को एक युवक कि जान बचाने को प्लाज़्मा डोनेट किया था जबकि आज पुनः एक जिंदगी बचाने की कोशिश में प्लाज़्मा डोनेट कर रहे है।
मिस्टर पन्त एक पथ पर्दशक का बेहतरीन उदाहरण है उन युवाओं के लिए जो इस मुश्किल घड़ी में अपने जज्बे ओर मानवीय विचारों के साथ प्लाज़्मा डोनेट कर किसी की जान बचा सकते है
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