मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सीएम कैम्प कार्यालय परिसर स्थित जनता दर्शन हॉल में आम जनता से मिलकर उनकी शिकायतों और समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री एक-एक व्यक्ति से मिले और उनकी समस्याओ को सुना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन की समस्याओं का निराकरण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनसमस्याओ के समयबद्ध तरीके से निराकरण करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि लोगों को अपने काम के लिये अनावश्यक रूप से यहां न आना पङे। राज्य सरकार प्रदेश की जनता के लिये काम कर रही है। गांवों की समस्याओं का निदान ग्राम स्तर पर ही हो जाए, इसकी व्यवस्था की जा रही है। रात्रि चौपाल का आयोजन इसी दिशा में किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में चमोली की एक घटना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने बीजापुर हाउस में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि साईबर अपराध और बच्चों व महिलाओं के प्रति किए जाने वाले अपराध के मामलों को कार्रवाई के लिए सीधे रेगुलर पुलिस को सौंपा जाएं। नाबालिगों व महिलाओं के साथ हुए अपराधों पर की जाने वाली कार्यवाही पर मानिटरिंग के लिये फुल टाईम अपर सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाए। फास्ट ट्रैक मोड में कार्रवाई सुनिश्चित हो। केवल मामला ही दर्ज नहीं करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले।
बैठक में मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, डीजीपी श्री अशोक कुमार, सचिव श्री नितेश झा, श्री अमित नेगी, श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सभी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर सभी सुविधाएं सुनिश्चित हों
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए लीक से हटकर काम करने के निर्देश दिये। सिस्टम में जो ठीक नहीं है, उसे सुधारें। जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्कूल शिक्षा को देनी है। सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, बिजली, फर्नीचर व अन्य उपकरण सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल स्वच्छ व सुंदर हों। कक्षाएं स्मार्ट हों। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पास किताबें जरूर हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिये जीपीएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन के प्रयोग की योजना बनाई जाए। जो बच्चे केन्द्र सरकार की योजनाओं में आच्छादित न हो रहे हों उनके लिये राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में मानिटरिंग की जाए कि वहां मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हों। व्यावसायिक शिक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती सौजन्या, महानिदेशक शिक्षा श्री विनयशंकर पाण्डेय, अपर सचिव सुश्री रवनीत चीमा व विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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