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 डोईवाला: 



उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति (युसैक्स) के तत्वावधान में राज्य के अस्पतालों के ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियनों के लिए हिमालयन हाॅस्पिटल के रक्त केन्द्र की ओर से आयोजित टेªनिंग के अंतिम दिन प्रतिभागियों को रक्त चढ़ाने से लेकर विभिन्न जांचों के विषय में जानकारी दी गयी।

हिमालयन हाॅस्पिटल जौलीग्रांट के रक्त केन्द्र की ओर से राज्य के ब्लड बैंक में तैनात लैब टेक्नीशियनों को सुरक्षित रक्त आपूर्ति व स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर चार दिवसीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के तहत दिये जा रहे प्रशिक्षण का समापन हो गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन पैथेलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. अनुराधा कुसुम ने कहा कि रक्त आम जनता को उपलब्ध कराना व स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना प्रशिक्षण का उद्ेदश्य है। कहा कि सही समय में सही मरीज को सही खून चढ़ाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा रक्त से होने वाले संक्रमण, बचाव की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी। हिमालयन हाॅस्पिटल रक्त केन्द्र के डाॅ. मनीष रतूड़ी ने प्रतिभागियांे को बताया कि खून में मुख्यतः चार कंपोनेंट होते है, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार मरीज को चढ़ाया जा सकता है। कंपोनेंट में आरबीसी या रेड ब्लड कार्पल, प्लेटलेट्स, प्लाजमा और क्रायोप्रेसिपिटेट शामिल हैं। हीमोग्लोबिन कम होने पर मरीज को आरबीसी एवं डेंगू होने पर मरीज को प्लेटलेट्स, लीवर के मरीज को प्लाजमा और खून नहीं रूक रहा हो तो क्रायोप्रेसिपिटेट चढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्त लेने से पहले रक्तदाता की पूर्ण जांच करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के 19 लैब टेक्निशियनों ने प्रतिभाग किया। इससे पूर्व डा. मीना हर्ष ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य तभी सार्थक है जब यहां अर्जित ज्ञान को प्रतिभागी सही तरह से व्यवहार में लाये। इस अवसर पर सहायक निदेशक प्रदीप हटवाल उपस्थित थे।

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