मुख्यमंत्री तपोवन रवाना हो गए है। वह प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के साथ साथ अधिकारीयों के साथ राहत कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। आज केंद्रीय जल मंत्रीं आर के सिंह भी आपदा स्थल पर पंहुचें और रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया। कल मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया था।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जोशीमठ के रेणी क्षेत्र से ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न आपदा में के कारण तपोवन गांव के पास तपोवन विष्णु गंगा प्रोजक्ट का जो कार्य चल रहा था, इसमें काफी श्रमिक कार्य कर रहे थे। अभी तक जो आंकड़े प्राप्त हुए है,18 शव रिकवर किये जा चुके है। 202 लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
टनल में फंसे25-35 व्यक्तियों का रेस्क्यू जारी है। लगभग 06 व्यक्ति है। एनटीपीसी से सुरक्षित बचाये गए व्यक्ति 12 है। घटनास्थल पर NDRF के 129, SDRF के 70, ITBP के 425, SSB की 01 टीम, आर्मी ( एयरफोर्स से 02 ,नेवी से 16 और हेप्टिस से 03 ), आर्मी की 02 मेडिकल टीम और दो एम्बुलेंस , और 108 एम्बुलेंस भी लगायी गयी है।
स्टैंड बाई के लिए भी ITBP के 400, आर्मी के 220 , तीन आर्मी चॉपर , 03 मेडिकल टीम और 03 एम्बुलेंस रखी गयी है
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डीजीपी कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज से क्षेत्र में कैम्प करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्टम जल्द हो सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।
आज प्रभावित इलाकों में राशन तथा अन्य सामग्री हेलिकॉप्टर से वितरण करवाया गया । गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत, जनपद प्रभारी मंत्री डा धन सिह रावत, विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान गढवाल सांसद एवं प्रभारी मंत्री प्रभावित परिवारों के परिजनों से मिले और उनको ढाढस बधाते हुए हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहा पर जिला प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी मिलकर युद्ध स्तर पर रातदिन रेस्कयू मे जुटें है और जिन्दगियो को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
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