श्रीनगरः
राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन, उच्च शिक्षा सलाहकार प्रोफ एम एस एम रावत ने उत्तराखंड में शोध को बढ़ावा देने के लिए सहयोग मांगा
विश्वविद्यालय के स्वयं प्रकोष्ठ द्वारा यूजीसी डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक इनर्जी कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के तत्वाधान में आयोजित वृहद राष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला का समापन हो गया। विदित हो कि इस राष्ट्रीय कार्यशाला में संपूर्ण भारतवर्ष से रिकॉर्ड 1000 से भी अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया है। कार्यशाला के अंतिम दिन उत्तराखंड के गौरव जाने माने परमाणु वैज्ञानिक डॉ विनोद असवाल ने स्माल एंगल न्यूट्रॉन स्केट्रिंग तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया। डॉ असवाल ने भाभा परमाणु शोध संस्थान में स्थित धुवा रिएक्टर में उपलब्ध इस मेगा एक्सपेरिमेंटल सिस्टम के विभिन्न शोध कार्यों में उपयोग को रेखांकित किया। भौतिक रसायन, फार्मासूटिकल, बायोलॉजिकल आदि शोध कार्यों में इसके वृहद उपयोग को विस्तार से बताते हुए डॉ असवाल ने सभी से इस सुविधा के अधिकाधिक उपयोग के लिए आव्हान किया।
दूसरे सत्र में गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ अजय सेमल्टी ने यूजीसी डी ए ई सी एस आर के सहयोग से किए गए अपने विभिन्न शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। डॉ सेमल्टी ने सभी शोध कर्ताओं को अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि संस्थान की सुविधाएं ही नहीं सस्थान के वैज्ञानिकों का सहयोग भी अति महत्वपूर्ण रहा है। संस्थान की सुविधाओं के उपयोग से पहले अपना पूर्व का शोध कार्य, उचित योजना, पूर्व चर्चा , शोध की समस्या का उचित निर्धारण, एवम् शोध का अपेक्षित परिणाम की प्रस्तुति इत्यादि सावधानी से की जानी चाहिए। संस्थान मात्र विज्ञान नहीं विज्ञान कैसे किया जाना चाइए ये भी सिखाता है जो अतुलनीय सहयोग है शोध कार्य में।
पिछले सत्रो में संस्थान के इंदौर मुम्बई कोलकाता एवं कलपक्कम ओर राजा रमन्ना सेन्टर ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलोजी इंदौर के वैज्ञानिकों ने अपने केंद्रों में उपलब्ध उच्च कोटि की मेगा रिसर्च फैसिलिटइज और किए गए शोध कार्यों की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।समापन सत्र में डॉ सीरुगुरी ने गढ़वाल विश्वविद्यलय के स्वयं सेल और डॉ सेमल्टी को इस वृहद कार्यशाला के आयोजन की बधाई दी .
उन्होंने कुलपति प्रो नौटियाल का हार्दिक धन्यवाद किया।उन्होंने प्रो एम एस एम रावत सलाहकार उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार को आश्वस्त किया कि वे उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को हर संभव सहयोग देंगे और भविष्य में इस तरह की ओर कार्यशालाएं उत्तराखंड में आयोजित करेंगे।
कार्यशाला संयोजक डॉ सुधींद्र ने सम्पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की ओर डा सेमल्टी एवम् उनकी टीम का कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु हार्दिक धन्यवाद किया अंत में डॉ सेमल्टी ने संस्थान उसके सभी वैज्ञानिकों विशेषकर डॉ सुधींद्र रयप्रोल एवम् डॉ कौशिक का आयोजन में सहयोग हेतु धन्यवाद किया। कार्यशाला के ऑनलाइन प्रसारण एवं आयोजन में माइक्रोसफ्ट गोल्ड पार्टनर , जुआना प्राइवेट लिमिटेड के श्री रोबर्ट एवम् श्री अंशुल का विशेष सहयोग रहा जिसके कारण हजार से भी अधिक प्रतिभागी कार्यशाला से ऑनलाइन जुडे।
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