देहरादून:
- पशुपालन विभाग का टोल फ्री नम्बर 1800-120-8862 का सीएम ने किया शुभारम्भ।
- सीएम स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार सृजन के लिए प्रतिमाह समीक्षा की जाय।
पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव बनाये जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पशुपालकों की आय में वृद्धि
के लिए कॉपरेटिव बनाये जाय। जिससे पशुपालक दुग्ध उत्पादन और उसकी
मार्केटिंग का कार्य करेंगे तो उनके शुद्ध लाभ में वृद्धि होगी। दुग्ध और
उससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते
हैं, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटे,
इस दिशा में पशुपालन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है। सालभर में कई
दुर्घटनाएं घास लाते समय गिरने एवं जंगली जानवरों की वजह से हो जाती हैं।
दुधारू पशुओं के लिए पर्याप्त आहार की व्यवस्था घरों तक कैसे हो सकती है,
इसकी व्यवस्था की जाय। उत्तराखण्ड में महिलाएं हर दिशा में अच्छा कार्य कर
रही हैं, उनको कौशल विकास की अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाय, तो और अच्छा
परिणाम मिलेगा। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 17.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया
बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत
पशुपालन विभाग द्वारा 523 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। पर्वतीय
राज्यों में दुग्ध उत्पादन में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राष्ट्रीय
पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 17.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया
है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 हेतु केन्द्र सरकार द्वारा
16 करोड़ 80 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है। पशुधन बीमा योजना के तहत 77
हजार से अधिक पशुओं को बीमा किया गया है। खुरपका एवं मुंहपका रोग को 2025
तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई जाय
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने
निर्देश दिये कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में कार्य करने के लिए लोग रूचि
दिखा रहे हैं। इसमें कम खर्चे पर अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई जाय। ट्राउट फार्मिंग को
बढ़ावा दिया जाय। मत्स्य पालन में कम लागत में अच्छी इनकम अर्जित की जा सकती
है। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 43.10 करोड़ के प्रोजेक्ट के संचालन की स्वीकृति प्राप्त हुई है। 03 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मात्स्यिकी विकास हेतु कुल 164 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए हैं। ट्राउट फार्मिंग हेतु चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ जनपदों का चयन किया गया है। राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मत्स्य के क्षेत्र में 3200 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री एच सी सेमवाल, अपर सचिव डॉ वी. षणमुगम, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।.
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