कालरात्रि
माँ बनकर तो आती है, दुष्ट और राक्षसी प्रवृत्तियों वालों के लिए. अपने
भक्तों की सदैव रक्षा करने वाली माँ का रूप अत्यंत मनमोहक है जबकि हम उनको
पूर्ण श्रृंगार में ध्यान करें ।
माँ के चिरपरिचित दिखाये जने वाले रूप में पूजन ना कर उनको, सम्पूर्ण रूप में ध्यायें। आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
पंचांग के अनुसार 23 अक्टूबर को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. सप्तमी की तिथि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की पूजा से अज्ञात भय, शत्रु भय और मानसिक तनाव नष्ट होता है. मां कालरात्रि की पूजा नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट करती है. मां कालरात्रि को बेहद शक्तिशाली देवी का दर्जा प्राप्त है. अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर जो असमंजस है वह इस प्रकार दूर करें कि आज सप्तमी और अष्टमी दोनों का व्रत साधक रख सकते हैं कल सुबह 7:00 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी जबकि सुबह 7:00 बजे के बाद नवमी तिथि लग जाएगी और परसों दशमी रहेगी
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