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     ऋषिकेश :
                                            
 
     कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी के काल में लॉकडाउन व अनलॉक के विभिन्न चरणों में एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के मरीजों की चिकित्सा सेवा के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहा है। 
 
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश को कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार के लिए चयनित किया गया था, जिसके चलते अस्पताल में जनरल ओपीडी सेवाओं को स्थगित करना पड़ा।
 
 इसके बावजूद मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए एम्स में स्क्रीनिंग ओपीडी, संजीवनी पोर्टल व टेलिमेडिसिन परामर्श एवं आपातकालीन सेवाओं के माध्यम से अब तक 2,31,515 से अधिक मरीजों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई।                                                                                                                                                                                                                              
   एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ने बताया कि कोविड19 के चलते संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किया गया था। संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर एम्स को भी अपनी जनरल ओपीडी सेवाएं स्थगित करनी पड़ी।
 
 मगर उस दौरान सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों में पूर्ण बंदी के कारण मरीजों को इलाज में दिक्कतें नहीं आएं व समय पर उपचार नहीं मिलने से गंभीर मरीजों की जान नहीं चली जाए, इसके मद्देनजर एम्स संस्थान द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी अपनी इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाएं सततरूप से जारी रखी गईं।                                                                                                                                   
 इतना ही नहीं स्क्रीनिंग ओपीडी के माध्यम से अस्पताल पहुंचने वाले सामान्य मरीजों का परीक्षण एवं परामर्श तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे लोगों, जो कि लॉकडाउन के दौरान आवागमन बंद होने से अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते थे उनके लिए संजीवनी पोर्टल व टेलिमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। जो कि अनलॉक में सततरूप से जारी हैं।                      
 
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत  ने बताया कि इस साल अब तक अस्पताल में 2,31,515 मरीज उपचार एवं चिकित्सकीय परामर्श के लिए पहुंचे हैं। जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।
 
 इस अवधि में संस्थान में 23,589  कोरोना नेगेटिव मरीजो को भर्ती की सुविधा प्रदान की गयी, 4,496  मरीजों की बड़ी शल्य चिकित्सा व 4,257  मरीजों की छोटी शल्य चिकित्सा की गई। इसके अलावा 23,448 रोगियों को इमरजेंसी डे-केयर सेंटर में भर्ती किया गया।                                                                                                                                                                                                
     उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला और रेडियोलॉजिकल सेवाएं आपातकालीन और वैकल्पिक रोगियों की आवश्यक सेवाओं के लिए सततरूप से जारी हैं।  
 
निदेशक प्रो. रवि कांत   ने बताया कि एम्स कोविड स्क्रीनिंगग केंद्र में कोविड 19 के लिए अब तक 28,145 संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच की गई जबकि इस अवधि में अब तक 2,599 कोविड पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया गया है।

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