उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता (निवर्तमान) गरिमा
मेहरा दसौनी ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक ओहदेदार उषा नेगी ने खुद कानून की मजाक उड़ाने का
काम किया है।
गरिमा ने
कहा कि प्रचार की भूख में आयोग की अध्यक्ष ने देहरादून में गांजा बेचने
वाली 8-9 साल की लड़की का चेहरे के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया।
उन्होंने कहा कि बेशक वह बच्ची आपराधिक कार्य कर रही थी। जाहिर है कि कोई
ना कोई गिरोह उससे यह गैर कानूनी कार्य करवा रहा होगा। जिसके खिलाफ सख्त से
सख्त एक्शन होना चाहिए।
दसौनी
ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेगी खुद वैधानिक प्रावधानों को भूलकर
वीडियो में पुलिसिया अंदाज में हड़काती दिख रही हैं। वायरल हुए वीडियो में
बच्ची शर्म और डर के मारे कभी हाथ जोड़ रही तो कभी हाथों से मुंह छुपा रही
थी। लेकिन उषा नेगी आम जनता के सामने सड़क पर कैमरे के फ्रेम को ध्यान रखते
हुए उस पर चिल्ला रही हैं। उन्होंने कहा कि ये बेहद शर्मनाक है कि अभी तक
संवैधानिक नैतिकता के नाते माफी तक नहीं मांगी गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे जुबिनाइल जस्टिस (JJ) एक्ट के प्रावधानों का सरेआम उल्लंघन करार दिया है।
उन्होंने
कहा कि इस एक्ट के मुताबिक आपराधिक कृत्य में लिप्त किसी किशोर का चेहरा
नहीं दिखाया जा सकता है। साथ ही नाबालिग उम्र के मद्देनजर उन्हें सुधार
ग्रहों में रखने की व्यवस्था है। गरिमा ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण
आयोग और मानवाधिकार आयोग के साथ ही राज्य सरकार से इस बेहद गम्भीर मामले पर
संज्ञान लेने की मांग की है।
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