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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में पिछले 24 घंटे में एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोविड पाॅजिटिव पाई गई है। पॉजिटिव मरीज़ देहरादून निवासी है।
 एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल  ने बताया कि संस्थान में की गई ,सेंपलिंग में देहरादून निवासी एक व्यक्ति की रिपोर्ट  कोविड पॉजिटिव आई है।
 उन्होंने बताया कि शिमला बाईपास रोड, देहरादून निवासी एक 65 वर्षीय पुरुष जो कि बीती 4 जुलाई को एम्स की कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में छाती में दर्द की शिकायत लेकर आए थे।

 चिकित्सकों ने उनका कोविड सेंपल लिया था व उन्हें एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति की रिपोर्ट सोमवार देरशाम उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें आइसोलेशन वार्ड से एम्स कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस बाबत संस्थान की ओर से स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को सूचित कर दिया गया है।
               
               

                                                                                                                                                                                                               प्रधानमंत्री जन आरोग्य एवं अटल आयुष्मान  योजना गरीब तबके के मरीजों को उपचार में सहायक सिद्ध हो रही है। इन दिनों जहां पूरी दुनिया में लोग कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं, ऐसे समय में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में लगभग सभी तरह के मरीजों को सततरूप से इस योजना के तहत उपचार दिया जा रहा है। एम्स अस्पताल में आने वाले मरीजों की सेवा के लिए आयुष्मान भारत योजना से जुड़े मित्र 24 घंटे सेवा में तत्परता से कार्य कर रहे हैं। संस्थान में इस योजना के तहत लॉकडाउन के सवा तीन महीने की अवधि में 1950 मरीजों का उपचार किया गया।                                                                                                                                                                                                                                                          एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि इसके साथ ही जिन लोगों का लॉकडाउन के समय किसी कारणवश कहीं भी आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) नहीं बन पाया था, ऐसे लोगों की सुविधा के लिए एम्स ऋषिकेश में सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आयुष्मान भारत योजना विभाग में अतिरिक्त काउंटर स्थापित किया गया, जिसमें कोई भी रोगी या उसका तीमारदार अपना आयुष्मान योजना कार्ड बना सकता है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि 24 मार्च लॉकडाउन के बाद से 30 जून-2020 तक संस्थान में लगभग 175 से अधिक मरीजों के आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) बनाए गए।                                                                        
 उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोरोनाकाल में आयुष्मान योजना के तहत एम्स संस्थान में कोरोना से संक्रमित मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। निदेशक एम्स के अनुसार लॉकडाउन के कठिन समय में एम्स ऋषिकेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य एवं अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत लगभग सभी तरह के जटिल ऑपरेशन किए गए, जिनमें मुख्यरूप से हृदय रोग, हड्डी एवं कैंसर आदि रोग शामिल हैं। बताया गया कि लॉकडाउन की समयावधि 24 मार्च से 30 जून के मध्य एम्स संस्थान में 1950 से अधिक रोगियों का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज किया गया।      
   बताया गया कि कुछ दिन पूर्व अस्पताल में आयुष्मान योजना का लाभ ले रही टिहरी निवासी 18 वर्षीय युवती व मुनिकीरेती निवासी एक 25 वर्षीय महिला जो कि पिछले कुछ वर्षों से एम्स ऋषिकेश में डायलिसिस कराती हैं, इन रोगियों को रक्त की आवश्कता हुई, मगर लाॅकडाउन की वजह से दोनों मरीजों के तीमारदारों को कहीं कोई रक्तदाता नहीं मिल पाया। लिहाजा उन्होंने इसकी जानकारी संस्थान के आयुष्मान भारत विभाग को दी। जिसके बाद एम्स के आयुष्मान मित्र मनवीर सिंह रावत, मंजीत सिंह  रावत, संदीप कुमार, प्रमोद उनियाल आदि ने रक्तदान कर उनका सहयोग किया। संस्थान के आयुष्मान मित्र जरुरतमंद मरीजों को स्वयं रक्तदान कर सहयोग करने के साथ साथ दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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