डोईवाला;
सांख्यिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित सातवीं आर्थिक जनगणना के SL2पर्यवेक्षण हेतु डोईवाला में अर्थ संख्या अधिकारी राजेश कुमार ,प्रभारी मोनिका श्रीवास्तव, अनिल बलूनी ने डोईवाला नगर क्षेत्र का दौरा किया ।
इस दौरान डिस्ट्रिक मैनेजर सीएससी तरुण नौटियाल भी उपस्थित रहे।
इस दौरान उन्होंने सुपरवाइजर के निर्देशन में की जा चुकी सातवीं आर्थिक जनगणना के आंकड़ों का निरीक्षण करते हुए पुष्टि की ।
पूर्व में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर पर्यवेक्षक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला क्षेत्र में सातवीं आर्थिक जनगणना के समस्त आंकड़ों की पुष्टि की है।अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि डोईवाला में सुपरवाइजर अंजना गुप्ता द्वारा कराए गए सातवीं आर्थिक जनगणना के सर्वे की गुणवत्ता सही पाई गई है ।अब इसी आधार पर आंकड़ों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
बता दें कि आर्थिक जनगणना प्रत्येक 3 से 4 वर्ष में पूरे देश में इसलिए कराई जाती है ताकि देशभर में होने वाली आर्थिक गतिविधियों का ब्यौरा प्राप्त कर केंद्र सरकार उन पर योजनाएं बना सके और फिर उन्हें आम जनता के लिए लागू कर सके।
सातवीं आर्थिक जनगणना में घर दुकानों समेत अन्य आर्थिक गतिविधियों में लिप्त स्थानों को शामिल किया जाता है यह कार्य कॉमन सर्विस सेंटर के VLE द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड में भी सफलतापूर्वक किया गया है।
सांख्यिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित सातवीं आर्थिक जनगणना के SL2पर्यवेक्षण हेतु डोईवाला में अर्थ संख्या अधिकारी राजेश कुमार ,प्रभारी मोनिका श्रीवास्तव, अनिल बलूनी ने डोईवाला नगर क्षेत्र का दौरा किया ।
इस दौरान डिस्ट्रिक मैनेजर सीएससी तरुण नौटियाल भी उपस्थित रहे।
इस दौरान उन्होंने सुपरवाइजर के निर्देशन में की जा चुकी सातवीं आर्थिक जनगणना के आंकड़ों का निरीक्षण करते हुए पुष्टि की ।
पूर्व में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर पर्यवेक्षक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला क्षेत्र में सातवीं आर्थिक जनगणना के समस्त आंकड़ों की पुष्टि की है।अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि डोईवाला में सुपरवाइजर अंजना गुप्ता द्वारा कराए गए सातवीं आर्थिक जनगणना के सर्वे की गुणवत्ता सही पाई गई है ।अब इसी आधार पर आंकड़ों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
बता दें कि आर्थिक जनगणना प्रत्येक 3 से 4 वर्ष में पूरे देश में इसलिए कराई जाती है ताकि देशभर में होने वाली आर्थिक गतिविधियों का ब्यौरा प्राप्त कर केंद्र सरकार उन पर योजनाएं बना सके और फिर उन्हें आम जनता के लिए लागू कर सके।
सातवीं आर्थिक जनगणना में घर दुकानों समेत अन्य आर्थिक गतिविधियों में लिप्त स्थानों को शामिल किया जाता है यह कार्य कॉमन सर्विस सेंटर के VLE द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड में भी सफलतापूर्वक किया गया है।
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