ऐसी मान्यता है कि श्री केदारनाथ धाम में आरती का शुभारंभ कपाट खुलने के बाद होनेवाली भैरवनाथ जी की पूजा के बाद होता है। आज दिन में भैरवनाथ जी की पूजा हुई तत्पश्चात शाम को इस तरह इस यात्राकाल में केदारनाथ जी की पहली आरती शुरू हुई।
चारधाम यात्रा 2020
* 15 मई प्रात: को खुल रहे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट। तैयारियां अंतिम चरण में।
* श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात आज श्री केदारनाथ भगवान के द्वारपाल भकुंड भैरवनाथ के कपाट खुले। आज श्री केदारनाथ मंदिर के शीर्ष पर ध्वज चढाया गया।
*द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी
के कपाट 11 मई को खुलेंगे।
* तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को खुलेंगे।
* चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई प्रात: खुलेंगे।
रूद्रप्रयाग :
इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर खुल रहे है। आजकल कपाट खुलने से पहले तैयारियां अंतिम चरण में है। देवस्थानम कर्मचारियों द्वारा आज मंदिर के आसपास, तप्तकुंड, नारदकुंड, बस अड्डे में साफ-सफाई की।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के ही साथ श्री बदरीनाथ धाम स्थित अधीनस्थ मंदिरों आदि केदारेश्वर मंदिर, माता मूर्ति मंदिर, शंकराचार्य मंदिर, मंदिर परिसर स्थित गणेश जी के कपाट खुल जायेंगे। श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई ( तपोवन जोशीमठ) के कपाट भी 15 मई को ही खुल रहे है।
आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी सहित उद्धवजी एवं कुबेर जी की डोली एवं गाडू घड़ा ( तेलकलश) यात्रा 14 मई शाम
तक श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी। जबकि गाडूघड़ा (तेल कलश) यात्रा 5 मई को नरेन्द्र नगर राजदरबार से शुरू होकर ऋषिकेश होते हुए बदरीनाथ धाम की ओर रवाना होगी। चार धामों में श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल,श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को खुल गये है। देशभर में कोरोना संकट के कारण अभी चारधाम सहित पंच बदरी- पंच केदार एवं अन्य छोटे-बड़े मंदिरों, धार्मिक स्थलों में यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं है। केवल कपाट खोले जा रहे हैं। कोरोना महामारी के टलने के बाद चारधाम यात्रा के गति पकड़ने की संभावना है।
29 अप्रैल को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल गये है आज भैरव पूजा के पश्चात केदारनाथ मंदिर के शीर्ष गुंबद पर ध्वज चढाया गया।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 11 मई को खुलेंगे।
7 मई को भगवान मदमहेश्वर गर्भगृह से सभा मण्डप में आयेंगे।8 मई को पारम्परिक छाबड़ी रस्म तथा 9 मई ऊखीमठ से रात्रि विश्राम हेतु राकेश्वर मंदिर रांसी के लिए प्रस्थान होगा। 10 मई को रात्रि विश्राम हेतु विग्रह डोली रांसी से गौंडार पहुंचेगी 11 मई को गौंडार से मदमहेश्वर धाम प्रस्थान एवं 11 मई दिन में ही सिंह लग्न में कपाट खुलेंगे।
इसी तरह श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट इस यात्रा वर्ष 20 मई को दिन में 11.30 बजे खुलेंगे।कार्यक्रम के अनुसार विग्रह डोली 18 मई को रात्रि विश्राम भूतनाथ मन्दिर मक्कुमठ में तथा 19 मई को डोली
मक्कुमठ से रात्रि विश्राम हेतु चोपता पहुंचेगी। 20 मई को चोपता से तुंगनाथ मंदिर और 20 मई बुधवार को कर्क लग्न अश्वनि नक्षत्र 11:30 बजे दिन में भगवान तुंगनाथ जी कपाट के खोल दिए जायेंगे ।। प्राप्त जानकारी के अनुसार चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को प्रात: में खुल जायेंगे।14 मई को विग्रह डोली श्री गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर परिसर में आ जायेगी। 15 मई को डोली परिसर में रहेगी।16 मई को डोली पनार बुग्याल पहुंचेगी। 17 मई को डोली रूद्रनाथ पहुंचेगी।18 मई को प्रात:श्री रूद्रनाथ जी के कपाट कपाट खुल जायेंगे।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बौर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी, तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट पूर्व निर्धारित तिथियों पर ही खुल रहे हैं। कपाट खुलने की तिथियों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। कोरोना महामारी से बचाव हेतु शोसियल डिस्टेंस (शारीरिक दूरी) का ध्यान रखा जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया, साफ-सफाई की ब्यवस्था की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समुद्र तल से 11500 मी ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रूद्रनाथ में अभी भारी बर्फ जमी हुई है। कहीं-कहीं 7 फीट तक बर्फ जमी हुई है। वन विभाग द्वारा निरंतर यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया जा रहा है। कपाट खुलने से पूर्व मार्ग को आवाजाही हेतु बनने की उम्मीद है।
केदारनाथ धाम में आज सादगी पूर्वक प्रात: भगवान केदारनाथ जी के द्वारपाल रक्षक भकुंड भैरवनाथ जी के कपाट खुल गये हैं इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बी.डी.सिंह सहित केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग आदि मौजूद रहे। इस दौरान शोसियल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ। तथा मास्क पहने गये।
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