रूद्रप्रयाग:
श्री केदारनाथ धाम को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है, कल प्रात: 6 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे कपाट।
श्री केदारनाथ धाम को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है, कल प्रात: 6 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे कपाट।
विश्व प्रसिद्ध ग्यारवें
ज्योतिरर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने में अब चंद दिनों का
समय बाकि है लेकिन प्रशासन के सामने कोरोने के साथ-साथ बिगड़ते मौसम की
चुनौतियां भी हैं।
समुद्र तल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊँचाई पर स्थिति भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने में इस वर्ष न केवल कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की मुश्किलें खड़ी हैं बल्कि मौसम की दुश्वारियां भी कम नहीं हैं। धाम में अब भी चार फीट से अधिक बर्फ मौजूद हैं। 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जायेंगे लेकिन तस्वीरें बताते हैं कि केदारनाथ में व्यवस्थायें जुटाना कितना मुश्किल हैं?
समुद्र तल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊँचाई पर स्थिति भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने में इस वर्ष न केवल कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की मुश्किलें खड़ी हैं बल्कि मौसम की दुश्वारियां भी कम नहीं हैं। धाम में अब भी चार फीट से अधिक बर्फ मौजूद हैं। 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जायेंगे लेकिन तस्वीरें बताते हैं कि केदारनाथ में व्यवस्थायें जुटाना कितना मुश्किल हैं?
हालांकि इस वर्ष कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते यात्रा पर पूर्णतयः
प्रतिबंध है और कोई भी तीर्थ यात्री यहाँ बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए
नहीं आ सकता है। लेकिन परम्पराओं के निर्वहन के लिए आगामी छः माह तक यहां
भगवान की नियमित पूजा अर्चना होनी है। ऐसे में पुजारी, कुछ तीर्थ पुरोहित,
सुरक्षा के जवान और कुछ मेडिकल टीमें यहां आगामी छः महिने तक रहेंगे जिसके
निमित धाम में बिजली, पानी और रहने की व्यवस्थायें दुरूस्थ तो करने ही
पड़ेगी।
केदारनाथ धाम में वर्तमान में 4 फीट बर्फ मौजूद है, जबकि जब तब खराब होते
मौसम के बाद बर्फबारी शुरू हो जाती है। ऐसे में धाम में एक माह तक
व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना प्रशासन के सामने बड़ी है। जबकि वहाँ रह
रहे मजदूर, सुरक्षा के जवान, तीर्थ पुरोहित और पुजारियों के लिए भी बड़ी
मुश्किले खड़ी होने वाली है।
एक टिप्पणी भेजें