मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने भारत में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये लोगों को आपस में जोड़ने केलिए बड़ी संख्या में लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से एक सप्ताह लंबा‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ अभियान शुरू किया
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक ’ने भारत में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये लोगों को आपस में जोड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से एक सप्ताह लंबा ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ अभियान आज नई दिल्ली में शुरू किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भारत के सर्वश्रेष्ठ दिमागों को आमंत्रित करना है ताकि ऑनलाइन शिक्षा की बाधाओं को दूर करते हुए उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटफार्मों को बढ़ावा देकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सुझाव /समाधान सीधेसाझा किए जा सकें और उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा दिया जा सके। श्रीनिशंक ने कहा कि विचारों को
bharatpadheonline.mhrd@gmail.com
और #BharatPadheOnlineका उपयोग करते हुए ट्विटर पर16 अप्रैल 2020 तक साझा किया जा सकता है। ट्विटर का उपयोग करते समय उसे @HRDMinistryऔर @DrRPNishankपर भी टैग किया जाए ताकि विचार हम तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सुझावों जानना चाहेंगे।
मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप सब मंत्रालय को ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली और रचनात्मक बनाने हेतु अपने सुझाव दें। आप सभी अपने सुझाव #BharatPadheonline का उपयोग करते हुए मेरे @DRPNishankव मंत्रालय के @HRDMinistry टि्वटर अकाउंट में भेज सकतें हैं। #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/kdmoZj4mm5
— Dr Ramesh PokhriyalNishank (@DrRPNishank) April 10, 2020
श्री निशंक ने कहा कि छात्र और शिक्षक इसमें हमारे विशेष समूह हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे मौजूदा ऑनलाइन शिक्षा विधियों को बेहतर बनाने के लिए पूरे मनोयोग से इस अभियान में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि जो छात्र वर्तमान में स्कूलों या उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं, वे विभिन्न पाठ्यक्रमों में मौजूदा डिजिटल प्लेटफार्मों से दैनिक आधार पर जुड़े हुए हैं। वे इस बात को साझा कर सकते हैं कि मौजूदा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म में क्या कमी है और हम कैसे उन्हें अधिक आकर्षक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर के शिक्षक भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ योगदान देने के लिए आगे आ सकते हैं। उनके साथ बातचीत शुरू की जा सकती है, उनसे पूछा जा सकता है कि उन्हें क्या लगता है कि आदर्श ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था कैसी दिखाई देनी चाहिए? या भारत के वर्तमान ऑनलाइन शिक्षा परिदृश्य की सीमाएँ क्या हैं? ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पारंपरिक कक्षाओं में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक ’ने भारत में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये लोगों को आपस में जोड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से एक सप्ताह लंबा ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ अभियान आज नई दिल्ली में शुरू किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भारत के सर्वश्रेष्ठ दिमागों को आमंत्रित करना है ताकि ऑनलाइन शिक्षा की बाधाओं को दूर करते हुए उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटफार्मों को बढ़ावा देकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सुझाव /समाधान सीधेसाझा किए जा सकें और उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा दिया जा सके। श्रीनिशंक ने कहा कि विचारों को
bharatpadheonline.mhrd@gmail.com
और #BharatPadheOnlineका उपयोग करते हुए ट्विटर पर16 अप्रैल 2020 तक साझा किया जा सकता है। ट्विटर का उपयोग करते समय उसे @HRDMinistryऔर @DrRPNishankपर भी टैग किया जाए ताकि विचार हम तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सुझावों जानना चाहेंगे।
मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप सब मंत्रालय को ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली और रचनात्मक बनाने हेतु अपने सुझाव दें। आप सभी अपने सुझाव #BharatPadheonline का उपयोग करते हुए मेरे @DRPNishankव मंत्रालय के @HRDMinistry टि्वटर अकाउंट में भेज सकतें हैं। #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/kdmoZj4mm5
— Dr Ramesh PokhriyalNishank (@DrRPNishank) April 10, 2020
श्री निशंक ने कहा कि छात्र और शिक्षक इसमें हमारे विशेष समूह हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे मौजूदा ऑनलाइन शिक्षा विधियों को बेहतर बनाने के लिए पूरे मनोयोग से इस अभियान में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि जो छात्र वर्तमान में स्कूलों या उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं, वे विभिन्न पाठ्यक्रमों में मौजूदा डिजिटल प्लेटफार्मों से दैनिक आधार पर जुड़े हुए हैं। वे इस बात को साझा कर सकते हैं कि मौजूदा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म में क्या कमी है और हम कैसे उन्हें अधिक आकर्षक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर के शिक्षक भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ योगदान देने के लिए आगे आ सकते हैं। उनके साथ बातचीत शुरू की जा सकती है, उनसे पूछा जा सकता है कि उन्हें क्या लगता है कि आदर्श ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था कैसी दिखाई देनी चाहिए? या भारत के वर्तमान ऑनलाइन शिक्षा परिदृश्य की सीमाएँ क्या हैं? ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पारंपरिक कक्षाओं में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
एक टिप्पणी भेजें