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देहरादून:


भारत के लघु एवं मध्यम समाचार पत्रो के महासंघ, नई दिल्ली (IFSMN) के अध्यक्ष चन्द्र शेखर जोशी ने पत्रकारों के हितों को लेकर एकबार फिर आवाज़ उठाई है। उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय (नैनीताल) से जनहित याचिका व्हाट्सऐप द्वारा स्वीकार करने की मांंग करते हुए कहा कि आपके संज्ञान में लाना है कि मुम्बई से मिली सूचना अति हृदय विदारक है 53 पत्रकारो के कोरोना पॉजीटिव निकले है।

गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी पत्रकार कल्याण कोष से मिले राहत पैकेज : जोशी

मुम्बई की घटना से नसीहत और सबक लेते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार को भी मीडिया कर्मियों के स्वास्थ्य के लिये जागरूक होना चाहिए था, पर ऐसा नही हो पा रहा है, वही लॉक डाउन के कारण मीडिया कर्मी संकट से जूझ रहे है, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में अधिमान्य पत्रकारों के अलावा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी पत्रकार कल्याण कोष से राहत पैकेज दिए जाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करें।

लॉक डाउन के कारण पत्रकारों के सामने रोजी-रोटी का खड़ा हो गया है संकट

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड पत्रकार कल्याण कोष में करोड़ो की राशि विगत कई वर्षों से सदुपयोग न होने के कारण लैप्स हो जाती रही है, या अन्य मद में व्यय कर ली जाती है। महोदय, उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, राज्य सरकार का एक प्रमुख विभाग है जिसका अपना बजट 50 करोड़ से ज्यादा प्रति वर्ष पारित होता है। पत्रकार कल्याण कोष की राशि प्रतिवर्ष पूर्णतया सदुपयोग ही नही हो पाती है, जिससे पात्र व्यक्ति हमेशा वंचित रह जाते है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण पत्रकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, ऐसे में राज्य के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में पंजीकृत और अपंजीकृत सभी प्रकार के पत्रकारो को पत्रकार कल्याण कोष से राहत राशि आवंटित की जानी चाहिए। इसके अलावा राज्य सरकार पत्रकारों के अध्ययनरत बच्चों को एक वर्ष की फीस राशि तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करे। उन्होंने मांग की है किमहोदय, पत्रकार कल्याण कोष में विगत कई वर्षों से धनराशि लैप्स होती रही है, वर्तमान में संकट से जूझ रहे पत्रकारों को मानवीय आधार पर राहत पैकेज के आधार पर वितरित किया जाना उचित होगा उन्होंने कहा कि महोदय, ज्ञात हो कि लोक डाउन के कारण संकट से जूझ रहे अधिवक्ताओं को राहत पैकेज देने की जनहित याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार की है, अतः पत्रकार कल्याण से सम्बंधित इस याचिका को भी जनहित में सुनवाई हेतु स्वीकार करने की कृपा करें। महोदय, उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग ने मुम्बई की घटना से भी नसीहत नही ली है जिससे पत्रकार और उनके परिवार वालो की रक्षा मात्र ईश्वर भरोसे रह गई है। भारत के लघु एवम मध्यम समाचार पत्रों के उत्तराखंड अध्यक्ष के नाते मेरे द्वारा उत्तराखंड शासन एवम महानिदेशक उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग देहरादून से पुरजोर अपील भी की गई है कि पत्रकारो को भी कोरोना से बचाव के सभी संसाधन मुफ्त में मुहैया कराए जाय।पत्रकारो के साथ अगर कोई ट्रेजडी होती है तो सरकार उनके परिवार वालो को भी कर्मचारियों की भांति दुर्घटना बीमा की धनराशि प्रदान करे। वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर जोशी ने निवेदनपूर्वक मांग करते हुए कहा कि महोदय, समाज मे निष्पक्ष और बेहतरीन कवरेज के लिये मीडिया कर्मी संकट के इस दौर में भी जोश और जुनून में है, परंतु उनका और उनके परिवार का ख्याल रखना कल्याणकारी राज्य सरकार का फर्ज बनता है, राज्य सरकार के शासन, सम्बंधित विभाग को अवगत कराने के बाद भी शून्य नतीजा देख न्याय के इस पवित्र मंदिर माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल से न्याय की उम्मीद है।

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