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चारधाम यात्रा वर्ष 2020







*श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले।
* आज प्रात: 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में विधि-विधान से खुले कपाट
* कपाट खुलने के पश्चात प्रथम पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से संपन्न की गयी।

* मंदिर को ऋषिकेश के दानीदाता  के सहयोग से भब्य रूप से 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था।

* सीमित संख्या में देवस्थानम बोर्ड एवं प्रशासन-पुलिस सहित आवश्यक सेवाओं से जुड़े चुनिंदा लोग बने कपाट खुलने के साक्षी।
* कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए शोसियल डिस्टेंस का ध्यान रखा गया।

* चार धामों में अभी सरकारी एडवाइजरी के तहत यात्रा पर रोक है। अभी केवल कपाट खोले गये है ताकि रावल/ पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजायें संपन्न करा सके।

* निर्धारित तिथियों पर खुल रहे हैं कपाट।
 ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ भगवान के कपाट इस यात्रा वर्ष में  मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में आज प्रातः  6 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक खुल गये हैं।

ऋषिकेश के दानीदाता ने सजाया केदारनाथ धाम

*बद्रीनाथ धाम के रावल ने ,दी शंकराचार्य जयंती की शुभकामनाएं
 रावल ऋषिकेश में हैं क्वारंटीन

  श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल 29 अप्रैल  सुबह 6 बजकर 10 मिनटपर खुल रहे हैं। श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंच गयी है।इस बार कोरोना महामारी से बचाव हेतु लाक डाउन है सीमित संख्या में देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी, हकूकधारी तीर्थ पुरोहित एवं प्रशासन के लोगों के केदारनाथ धाम जाने की अनुमति मिली है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने 
बताया कि ऋषिकेश के दानी दाता शतीश कालड़ा कई वर्षों पूर्व से श्री बदरीनाथ धाम में फूलों से मंदिर का श्रृंगार करते  रहे है। इस बार उन्होंने श्री केदारनाथ धाम की साजसज्जा की है।
 इस बार केदारनाथ में भारी बर्फ के ग्लेशियरों के बीच बने रास्तों एवं बिषम परिस्थितियों में भी उन्होंने  10 क्विंटल फूल गौरीकुंड तक ट्रक से तथा 16 किमी खच्चरों से केदारनाथ पहुंचाये तथा बाबा केदारनाथ धाम का भब्य श्रृंगार किया है।
दूसरी ओर ऋषिकेश के शिवानंद आश्रम में क्वारंटीन में रह रहे श्री बदरीनाथ धाम के रावल ( मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आज शंकराचार्य जयंती पर देश की जनता को शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने देश में चार धामों की स्थापना कर देश की एकता-अखंडता को भी अक्षुण रखने की नीव रखी।

 वेदांत पद्यति की अपराजेयता भी सिद्ध 
कर सर्व धर्म समभाव का संदेश मानव जाति को दिया। उल्लैखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 15 मई को प्रात:4 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे। जबकि गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को खुल चुके हैं। कोरोना महामारी से बचाव के मद्देनजर केवल कपाट खुलने की प्रक्रिया से जुड़े  लोगों को अनुमति मिली है।  सरकारी एडवाइजरी के अनुसार सभी तरह की तीर्थ यात्राओं पर रोक लगी है। केवल धामों के कपाट निर्धारित तिथियों पर खुल रहे है।

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