देहरादून;
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि झंडे के मेले के दौरान उस समय भगदड़ मच गई जब , दरबार साहिब में आज ऐतिहासिक 105 फीट ऊंचे झंडे जी का आरोहण किया जा रहा था। भारी बारिश के दौरान भी अनेक श्रद्धालु झंडे जी के मैदान में उपस्थित थे , देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं की मुसीबत उस समय और बढ़ गई जब झंडारोहण करते समय ध्वज दंड टूट गया। परंपरा के अनुसार प्रति 3 वर्ष में झंडे जी का ध्वज दंड बदला जाता है और इस बार भी इस दंड को बदला गया था।नए झंडे जी का ध्वज दंड 105 फीट ऊंचा है, जो अभी तक श्री झंडे जी की सबसे अधिक ऊंचाई थी।
तभी अचानक ऐसा हादसा हो गया। स्थिति को संभालते हुए महंत देवेंद्र दास जी महाराज के ने व्यवस्था संभाली। इस दौरान अव्यवस्था के कारण वहां भगदड़ का माहौल भी बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कईं लोगों के घायल होने की सूचना भी है। पुनः शाम को 6:40 पर झंडारोहण किया गया और इस प्रकार ऐतिहासिक झंडे मेले का शुभारंभ हो गया।
इससे पहले आज सुबह झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज की उपस्थिति में श्री झंडे जी को दही, घी, गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराया गया। सुबह से ही झंडे जी के दर्शन करने को लाखों की संख्या में संगतों का जनसैलाब उमड़ा रहा।
इस बार झंडे जी का आरोहण कई मायने में खास था। इस बार झंडे जी के ध्वज दंड को बदला गया। श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि परंपरानुसार, हर तीन साल में झंडे जी के ध्वज दंड को बदला जाता है।
यह क्षण अद्भुत होता है। इस क्षण के दर्शन करने को संगतों में खासा उत्साह रहता है।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए श्री झंडे जी मेले में बचाव के लिए एडवायजरी जारी की गई है।
इसमें संगतों को जागरूक करने के लिए कई सुरक्षा उपाए बताए गए हैं। इसके अलावा श्री दरबार साहिब में मेला अस्पताल तैयार किया गया है। दरबार साहिब के दो मुख्य गेटों पर थर्मल स्कैनर भी लगाए गए हैं। प्रवेश पाने वाले हर व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है, जो 24 घंटे सेवाएं देंगी।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि झंडे के मेले के दौरान उस समय भगदड़ मच गई जब , दरबार साहिब में आज ऐतिहासिक 105 फीट ऊंचे झंडे जी का आरोहण किया जा रहा था। भारी बारिश के दौरान भी अनेक श्रद्धालु झंडे जी के मैदान में उपस्थित थे , देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं की मुसीबत उस समय और बढ़ गई जब झंडारोहण करते समय ध्वज दंड टूट गया। परंपरा के अनुसार प्रति 3 वर्ष में झंडे जी का ध्वज दंड बदला जाता है और इस बार भी इस दंड को बदला गया था।नए झंडे जी का ध्वज दंड 105 फीट ऊंचा है, जो अभी तक श्री झंडे जी की सबसे अधिक ऊंचाई थी।
तभी अचानक ऐसा हादसा हो गया। स्थिति को संभालते हुए महंत देवेंद्र दास जी महाराज के ने व्यवस्था संभाली। इस दौरान अव्यवस्था के कारण वहां भगदड़ का माहौल भी बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कईं लोगों के घायल होने की सूचना भी है। पुनः शाम को 6:40 पर झंडारोहण किया गया और इस प्रकार ऐतिहासिक झंडे मेले का शुभारंभ हो गया।
इससे पहले आज सुबह झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज की उपस्थिति में श्री झंडे जी को दही, घी, गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराया गया। सुबह से ही झंडे जी के दर्शन करने को लाखों की संख्या में संगतों का जनसैलाब उमड़ा रहा।
इस बार झंडे जी का आरोहण कई मायने में खास था। इस बार झंडे जी के ध्वज दंड को बदला गया। श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि परंपरानुसार, हर तीन साल में झंडे जी के ध्वज दंड को बदला जाता है।
यह क्षण अद्भुत होता है। इस क्षण के दर्शन करने को संगतों में खासा उत्साह रहता है।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए श्री झंडे जी मेले में बचाव के लिए एडवायजरी जारी की गई है।
इसमें संगतों को जागरूक करने के लिए कई सुरक्षा उपाए बताए गए हैं। इसके अलावा श्री दरबार साहिब में मेला अस्पताल तैयार किया गया है। दरबार साहिब के दो मुख्य गेटों पर थर्मल स्कैनर भी लगाए गए हैं। प्रवेश पाने वाले हर व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है, जो 24 घंटे सेवाएं देंगी।
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