महिला दिवस पर विशेष--
कभी मासूम सा चेहरा
कभी काली का स्वरूप
कभी ममता का सागर
कभी लक्ष्मी का रूप
कैसी ये नारी , कैसे इसके रूप
कई अनोखे रूप लिए ,नारी का स्वरूप ।।
नमस्कार सभी देशवासियों को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।शास्त्रों में लिखा है - "यत्र नारयसतु पूज्यंते रमनते तत्र देवता"- जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवता वास करते हैं । नारी हमारे समाज मे माता, दादी , नानी ,बुआ ,मामी , मौसी , बहन गुरु , बेटी ,मित्र व पत्नी के जैसे अनेकों रूपो मे है इसलिए हम हर रूप मे इनको इज्जत व मान सम्मान दे । हर मनुष्य की प्रथम गुरु माँ है और माँ का दरजा ईश्वर से भी बड़ा है । भगवान का भी जब धरती पर अवतरण हुआ तो उनको भी एक नारी यानि माँ की कोख से जन्म लिया ।भगवान श्री कृष्ण ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करते हुए १६००० राजकन्याओं को मुक्त करवाया और मर्यादानिष्ठ समाज को मानते हुए प्रताड़ित नारी समूह को स्वीकार किया।उन्होंने जिसे समाज ने अमिट कलंक माना उसे अपने माथे का तिलक बनाकर सहर्ष स्वीकार किया।छत्रपति शिवाजी महाराज जी ,महाराणा प्रताप ,गुरु गोविंद सिंह जी जैसे कई महापुरुषो ने नारी के आदर सम्मान के आदर्श उदाहरण दिये है।
स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था " जिस देश में नारी का सम्मान नही होता ,वो देश कभी भी उन्नति नहीं कर सकता "। महिलाओं के सम्मान से ही समाज का विकास एवं समृद्ध राष्ट्र संभव है।नारी शक्ति आराधना का रूप है ,नारी पूजन हमारे समाज का अभिन्न अंग है । हम तो नवरात्रि पर्व पर भी देवी का स्वरूप मानकर घर-घर कन्याओ का पूजन करते हुए उनको देवी का सम्मान देकर समाज को एक उदाहरण देते हुए एक संस्कृति व संस्कारो को बढ़ावा देते है। हमारे कोई भी पूजा के कार्यक्रम नारी के साथ ही मिलकर सहभागिता और नारी सम्मान की रक्षा व परम्परा के लिए प्रेरित करते है। हमारे सभी धार्मिक ग्रंथ नारी शक्ति को सबल शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की शिक्षा देते हुए नारी सुरक्षा को बढ़ावा देते है।लेकिन एक तरफ नारी पूजन और दूसरी ओर नारी पर हिंसा अपराध ?और बलात्कार ।भ्रूण हत्या जैसे निर्मम पाप आज भी हमारे समाज में है।दहेज जैसी कुप्रथा आज भी समाज में है। महिलाओं का शोषण आज भी समाज में होता है। नारी पर खतरा राष्ट्र की अस्मिता पर खतरा है।जिस पुरुष का संपूर्ण जीवन नारी पर आधारित है, हर सफल पुरूष के पीछे एक सफल महिला होती है, आज वही पुरूष महिला का शोषण कर रहा है। हमारी आंखें नम है और हमारे सामने नारी का शोषण हो यह निंदनीय है।
हम सबको यह संकल्प लेना होगा दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ, भूर्ण हत्या के खिलाफ, तीन तलाक़ जैसी समाजिक कुरीतियों के खिलाफ ।हमें अपने लड़को को महिलाओं की इज्जत करना सिखाना होगा जिससे एक सभ्य समाज की स्थापना हो सके। अगर हम अपने बच्चो को नवरात्रि पर्व पर देवी कन्याओ के पूजन करने की शिक्षा देते है तो वह बच्चा बड़ा होकर भी इस महान संस्कृति व संस्कारो को बढ़ावा देते हुए नारी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और समाज मे जो नारियो के साथ अत्याचार शोषण और कुकृत्य होता है यह नही होगा इसलिए हम सब अपने बच्चो को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी देना होगा। हमें हर महिला को स्वावलंबी बनाकर आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना होगा।एक सशक्त नारी समाज और राष्ट्र की प्रगति के युग का सूत्रपात होगी।हर क्षेत्र में महिलाओं ने पुरूषों के बराबर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है , चाहे वो आजादी का आंदोलन हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, सेवा का क्षेत्र हो , खेल का क्षेत्र हो हर क्षेत्र में महिलाओं ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।बेटी को बचाना , पढाना और खिलाना ये एक आदर्श समाज के रूप में हम सभी की जिम्मेदारी है। हम भारत को भी माता कहते है और जैसे अपनी माता बहन को सादर सम्मान करते है सभी नारियो को आदर सम्मान दे तभी तो यह सफल और सशक्त समाज का निर्माण हो सकता है । सभी मातृ शक्ति को सादर कोटि-कोटि प्रणाम । महिला का शिक्षण, संरक्षण और सशक्तिकरण संस्कारवान् समाज बनाने के लिए अनिवार्य है।वस्तुतः विश्व के विकसित राष्ट्रों ने भी गौरवमयी स्थान महिलाओं को समुचित आदर प्रदान करके ही पाया है। आज महिला दिवस के शुभ अवसर पर हम प्रण ले कि हम सभी महिलाओं का शैक्षणिक सशक्तिकरण,वित्तीय सशक्तिकरण, अध्यात्मिक सशक्तिकरण और समाजिक सशक्तिकरण करेंगे । हम एक आदर्श समाज की स्थापना करने में अपना योगदान देंगे । हम महिला सशक्तिकरण के द्वारा पुरे राष्ट्र का उत्थान करेंगे।आइये हम सब आज नारी सुरक्षा की जिम्मेदारी की शपथ लेकर समाज को सशक्त बनाने का फैसला करे ।।
अत: नारी का सम्मान करो ,मत इनका अपमान करो -नारी है अपराजिता इनका हमेशा गुणगान करो।।
जय हिंद जय भारत ।।
अनिरुद्ध उनियाल
राष्ट्रीय युवा संयोजक आईएएमबीएसएस
कभी मासूम सा चेहरा
कभी काली का स्वरूप
कभी ममता का सागर
कभी लक्ष्मी का रूप
कैसी ये नारी , कैसे इसके रूप
कई अनोखे रूप लिए ,नारी का स्वरूप ।।
नमस्कार सभी देशवासियों को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।शास्त्रों में लिखा है - "यत्र नारयसतु पूज्यंते रमनते तत्र देवता"- जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवता वास करते हैं । नारी हमारे समाज मे माता, दादी , नानी ,बुआ ,मामी , मौसी , बहन गुरु , बेटी ,मित्र व पत्नी के जैसे अनेकों रूपो मे है इसलिए हम हर रूप मे इनको इज्जत व मान सम्मान दे । हर मनुष्य की प्रथम गुरु माँ है और माँ का दरजा ईश्वर से भी बड़ा है । भगवान का भी जब धरती पर अवतरण हुआ तो उनको भी एक नारी यानि माँ की कोख से जन्म लिया ।भगवान श्री कृष्ण ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करते हुए १६००० राजकन्याओं को मुक्त करवाया और मर्यादानिष्ठ समाज को मानते हुए प्रताड़ित नारी समूह को स्वीकार किया।उन्होंने जिसे समाज ने अमिट कलंक माना उसे अपने माथे का तिलक बनाकर सहर्ष स्वीकार किया।छत्रपति शिवाजी महाराज जी ,महाराणा प्रताप ,गुरु गोविंद सिंह जी जैसे कई महापुरुषो ने नारी के आदर सम्मान के आदर्श उदाहरण दिये है।
स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था " जिस देश में नारी का सम्मान नही होता ,वो देश कभी भी उन्नति नहीं कर सकता "। महिलाओं के सम्मान से ही समाज का विकास एवं समृद्ध राष्ट्र संभव है।नारी शक्ति आराधना का रूप है ,नारी पूजन हमारे समाज का अभिन्न अंग है । हम तो नवरात्रि पर्व पर भी देवी का स्वरूप मानकर घर-घर कन्याओ का पूजन करते हुए उनको देवी का सम्मान देकर समाज को एक उदाहरण देते हुए एक संस्कृति व संस्कारो को बढ़ावा देते है। हमारे कोई भी पूजा के कार्यक्रम नारी के साथ ही मिलकर सहभागिता और नारी सम्मान की रक्षा व परम्परा के लिए प्रेरित करते है। हमारे सभी धार्मिक ग्रंथ नारी शक्ति को सबल शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की शिक्षा देते हुए नारी सुरक्षा को बढ़ावा देते है।लेकिन एक तरफ नारी पूजन और दूसरी ओर नारी पर हिंसा अपराध ?और बलात्कार ।भ्रूण हत्या जैसे निर्मम पाप आज भी हमारे समाज में है।दहेज जैसी कुप्रथा आज भी समाज में है। महिलाओं का शोषण आज भी समाज में होता है। नारी पर खतरा राष्ट्र की अस्मिता पर खतरा है।जिस पुरुष का संपूर्ण जीवन नारी पर आधारित है, हर सफल पुरूष के पीछे एक सफल महिला होती है, आज वही पुरूष महिला का शोषण कर रहा है। हमारी आंखें नम है और हमारे सामने नारी का शोषण हो यह निंदनीय है।
हम सबको यह संकल्प लेना होगा दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ, भूर्ण हत्या के खिलाफ, तीन तलाक़ जैसी समाजिक कुरीतियों के खिलाफ ।हमें अपने लड़को को महिलाओं की इज्जत करना सिखाना होगा जिससे एक सभ्य समाज की स्थापना हो सके। अगर हम अपने बच्चो को नवरात्रि पर्व पर देवी कन्याओ के पूजन करने की शिक्षा देते है तो वह बच्चा बड़ा होकर भी इस महान संस्कृति व संस्कारो को बढ़ावा देते हुए नारी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और समाज मे जो नारियो के साथ अत्याचार शोषण और कुकृत्य होता है यह नही होगा इसलिए हम सब अपने बच्चो को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी देना होगा। हमें हर महिला को स्वावलंबी बनाकर आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना होगा।एक सशक्त नारी समाज और राष्ट्र की प्रगति के युग का सूत्रपात होगी।हर क्षेत्र में महिलाओं ने पुरूषों के बराबर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है , चाहे वो आजादी का आंदोलन हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, सेवा का क्षेत्र हो , खेल का क्षेत्र हो हर क्षेत्र में महिलाओं ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।बेटी को बचाना , पढाना और खिलाना ये एक आदर्श समाज के रूप में हम सभी की जिम्मेदारी है। हम भारत को भी माता कहते है और जैसे अपनी माता बहन को सादर सम्मान करते है सभी नारियो को आदर सम्मान दे तभी तो यह सफल और सशक्त समाज का निर्माण हो सकता है । सभी मातृ शक्ति को सादर कोटि-कोटि प्रणाम । महिला का शिक्षण, संरक्षण और सशक्तिकरण संस्कारवान् समाज बनाने के लिए अनिवार्य है।वस्तुतः विश्व के विकसित राष्ट्रों ने भी गौरवमयी स्थान महिलाओं को समुचित आदर प्रदान करके ही पाया है। आज महिला दिवस के शुभ अवसर पर हम प्रण ले कि हम सभी महिलाओं का शैक्षणिक सशक्तिकरण,वित्तीय सशक्तिकरण, अध्यात्मिक सशक्तिकरण और समाजिक सशक्तिकरण करेंगे । हम एक आदर्श समाज की स्थापना करने में अपना योगदान देंगे । हम महिला सशक्तिकरण के द्वारा पुरे राष्ट्र का उत्थान करेंगे।आइये हम सब आज नारी सुरक्षा की जिम्मेदारी की शपथ लेकर समाज को सशक्त बनाने का फैसला करे ।।
अत: नारी का सम्मान करो ,मत इनका अपमान करो -नारी है अपराजिता इनका हमेशा गुणगान करो।।
जय हिंद जय भारत ।।
अनिरुद्ध उनियाल
राष्ट्रीय युवा संयोजक आईएएमबीएसएस
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