विश्व के आतंकवादियों का पोषण पर नजर रखने वाले वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आज 'ग्रे लिस्ट' में पाकिस्तान को जारी रखने का फैसला किया और चेतावनी देते हुए कहा कि कि अगर लश्कर-ए-तइबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी समूहों के जांच करने में पाकिस्तान सफल नहीं हुआ तो तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की प्लेनरी में लिया गया।
वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की स्थापना जुलाई 1989 में पेरिस में हुई थी। एफएटीएफ का उद्देश्य मानकों को निर्धारित करना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
ईरान को भी एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स)ने ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के संकेत दिए हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार से दूर हो चुका है। एफएटीएफ की ब्लैक सूची में डाले जाने से उसकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। ईरान को तीन साल से दी जा रही चेतावनी के बाद यह ,फैसला आएगा।
इससे पहले एफएटीएफ ने ईरान के लगातार अनुरोध करता रहा है कि वह आतंकियों को मिलने वाले धन की रोकथाम के अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करे।
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