Halloween party ideas 2015


देहरादून ;


  सूरज की किरणों से नहाए चमकते पहाड़, मीलों दूर तक पसरी बर्फ की चादर और सफेद नर्म बर्फ पर जीभर खेलने का आनंद। ऐसा रोमांच लेने के लिए किसी दूर देश जाने की ज़रूरत नहीं है। विंटर स्पोट्र्स का आनंद लेना चाहते हैं तो औली, मनाली, शिमला आदि जगहों का रुख कीजिए। रोमांच भरी छुट्टियों के लिए बिना शक ये शानदार जगहें हैं। अगर आप बर्फ पर अठखेलियों के शौकीन हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित औली से मुफीद और कोई जगह नहीं। यहां बर्फ पर स्कीइंग का आनंद लेने के लिए दुनियाभर से पर्यटक खिंचे चले आते हैं। औली की सुंदरता ही ऐसी है कि सिर्फ सर्दी ही नहीं, बल्कि हर मौसम में यहां पर्यटकों की भीड़ बनी रहती है। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ों पर सूर्योदय का नज़ारा हो या सूर्यास्त का, औली हर पहर अलग ही रंगत बिखेरता नज़र आता है। ऐसे में डिसाइड करना मुश्किल हो जाता है कि इस सुंदरता का कौन-सा रंग सबसे खूबसूरत है।  जोशीमठ से 16 किमी दूर समुद्रतल से 9500 से लेकर 10500 फीट तक की ऊंचाई पर तीन किमी. क्षेत्र में फैली है औली की बर्फ से लकदक खूबसूरत दक्षिणमुखी ढलानें। 1640 फीट की गहरी ढलान में स्कीइंग का जो रोमांच यहां है, वह दुनिया में दूसरी जगहों पर शायद ही हो। इसलिए औली की ढलानें स्कीयरों के लिए बेहद मुफीद मानी जाती हैं। यह उत्तराखंड में स्थित एकमात्र स्थान है, जिसे फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग ने स्कीइंग रेस के लिए अधिकृत किया हुआ है। वैसे साल 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद ही औली में राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग चैंपियनशिप का आयोजन शुरू कर दिया गया था, लेकिन इसे खास पहचान साल 2011 के सैफ विंटर गेम्स से मिली। इस दौरान यहां स्कीइंग की कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। यहां स्कीइंग के लिए 1300 मीटर लंबा और 40 मीटर चौड़ा स्की ट्रैक है। औली में खिलाडिय़ों के लिए स्की लिफ्ट है, जबकि दर्शकों और निर्णायकों के लिए खास ग्लास हाउस। इस हिमक्रीड़ा केंद्र में उत्तराखंड पर्यटन विभाग और गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से जनवरी से मार्च के मध्य स्कीइंग का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसमें सात दिन का नॉन-सर्टिफिकेट और 14 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स शामिल है। इसके अलावा निजी संस्थान भी यहां ट्रेनिंग देते हैं। स्की सीखते समय सामान और ट्रेनिंग के लिए 500 रुपये देने पड़ते हैं। यह राशि पर्यटकों के रहने, खाने व स्की सीखने के लिए आवश्यक सामान जुटाने में खर्च की जाती है.

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