पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है, भारत पेरिस समझौते में एक शीर्ष स्थल पर है और जल्द ही कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल कर लेगा।
आज दोपहर नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा, भारत के लिए उत्सर्जन तीव्रता में कमी का लक्ष्य 35 प्रतिशत था और इसने पहले ही 21 प्रतिशत हासिल कर लिया है।
मंत्री ने कहा, जलवायु परिवर्तन को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत के प्रयासों को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए पार्टियों के सम्मेलन के हाल ही में आयोजित 25 वें सत्र में सराहना की गई।
श्री जावड़ेकर ने कहा, शिखर सम्मेलन में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया जो भारत के हितों और रुख के खिलाफ हो।
उन्होंने कहा, बीएएसआईसी देशों ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, चीन और समान विचारधारा वाले 40 विकासशील देश इस मुद्दे पर एक साथ थे और उन्हें एकता का लाभ मिला।
उन्होंने कहा, भारत ने इक्विटी और सामान्य लेकिन विभेदीकृत जिम्मेदारियों और प्रतिक्रिया योग्य क्षमताओं सीबीडीआर-आरसी के सिद्धांतों सहित भारत के प्रमुख हितों की रक्षा करते हुए वार्ता में रचनात्मक रूप से संलग्न किया।
उन्होंने कहा, यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों से अपने दायित्वों के अनुसार विकसित देशों से जलवायु वित्त, सस्ती लागत पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण सहायता सहित कार्यान्वयन के उन्नत साधनों की आवश्यकता है।
श्री जावड़ेकर ने कहा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में 175 गीगा वाट से नवीकरण के लिए लक्ष्य बढ़ाकर 450 गीगा वाट कर दिया है और भारत एक साथ सौर, बायोमास और पवन ऊर्जा पर प्रगति कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत का वन क्षेत्र भी पिछले पांच वर्षों में 13 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
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