नवें महाकौथिग के सुबह के सत्र मे आठवें दिन उत्तराखंडी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे उपासना सेमवाल द्वारा समाज को जागरूक कर सबके आँखों मे अपने शब्दो के माध्यम से अश्रु ले आई जिसमे दहेज,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,नारे के माध्यम से निर्भया, व हैदराबाद,वाली झकझोर देने वाली घटनाओं का जिक्र करके समाज के हर पुरुष को कृष्ण, राम,हनुमान,बनने का आह्वाहन किया। इस कार्यक्रम के संयोजक भगवती प्रसाद गढ़देशी रहे।कवियों द्वारा समाज को पुनः अपने बंद पड़े घरों को आबाद करने का आह्वाहन किया।
जिसमे ओम प्रकाश सेमवाल,जगदंबा चमोला, पृथ्वी सिंह केदारखंडी, पूरण चन्द्र कांडपाल, दिनेश ध्यानी,आदि कवि उपस्थित रहे।
शाम के सत्र के आयोजनकर्ता श्री पी एन शर्मा जी,व श्री अलंकार गुप्ता जी, रहे लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां हुई जिसमें युवा कलाकार प्रियंका मेहर, दीपक मेहर, दीपा धामी,सूरज तरातक, अंकित चमोली द्वारा गाये गीतों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया हर दिन की भांति माँ गंगोत्री की आरती के संग समापन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य संयोजक राजेन्द्र चौहान द्वारा उत्तराखंड के युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़ने के लिए विशेष आह्वाहन किया गया।
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