अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में नजीबाबाद में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 98 लोगों ने महादान किया। शिविर में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए समीपवर्ती क्षेत्रों के नागरिकों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर एम्स संस्थान की ओर से लोगों को अमूल्य जीवन के संरक्षण के लिए रक्तदान के लिए आगे आने को प्रेरित किया गया।
एम्स ऋषिकेश के सहयोग से गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंहसभा, ग्राम बड़िया नजीबाबाद बिजनौर में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 120 लोगों ने पंजीकरण कराया, इनमें से आवश्यक परीक्षण के बाद 98 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। एम्स द्वारा जनजागरुकता के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे रक्तदान जागरुकता अभियान के बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि जीवनदान देने वाले रक्तदान से बढ़कर जिंदगी में कोई दूसरा श्रेष्ठ दान नहीं हो सकता, लिहाजा सभी स्वस्थ लोगों को किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन के संरक्षण के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिए। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इसी उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करने के लिए उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार जनजागरुकता व रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है, साथ ही मुहिम के तहत दूसरी संस्थाओं को भी रक्तदान शिविरों के आयोजन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे समाज में रक्त की कमी को पूरा किया जा सके।
संस्थान की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी ने बताया कि एम्स संस्थान की ओर से ऋषिकेश व समीपवर्ती क्षेत्रों में ही नहीं उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के सूदूरवर्ती जनपदों में भी लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से लगातार स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे दुर्घटना के समय जरूरतमंद लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध कराकर अमूल्य जीवन का संरक्षण किया जा सके।
शिविर में गुरुद्वारा के प्रधान सरदार गुरुदेव सिंह, आयोजक दलजीत सिंह, डा. रंजन मुखर्जी, डा. सुहासिनी सील, चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश चंद्र, नर्सिंग ऑफिसर दीपेंद्र सिंह, विजयपाल,रीता आदि ने सहयोग किया।
एम्स ऋषिकेश के सहयोग से गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंहसभा, ग्राम बड़िया नजीबाबाद बिजनौर में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 120 लोगों ने पंजीकरण कराया, इनमें से आवश्यक परीक्षण के बाद 98 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। एम्स द्वारा जनजागरुकता के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे रक्तदान जागरुकता अभियान के बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि जीवनदान देने वाले रक्तदान से बढ़कर जिंदगी में कोई दूसरा श्रेष्ठ दान नहीं हो सकता, लिहाजा सभी स्वस्थ लोगों को किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन के संरक्षण के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिए। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इसी उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करने के लिए उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार जनजागरुकता व रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है, साथ ही मुहिम के तहत दूसरी संस्थाओं को भी रक्तदान शिविरों के आयोजन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे समाज में रक्त की कमी को पूरा किया जा सके।
संस्थान की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी ने बताया कि एम्स संस्थान की ओर से ऋषिकेश व समीपवर्ती क्षेत्रों में ही नहीं उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के सूदूरवर्ती जनपदों में भी लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से लगातार स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे दुर्घटना के समय जरूरतमंद लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध कराकर अमूल्य जीवन का संरक्षण किया जा सके।
शिविर में गुरुद्वारा के प्रधान सरदार गुरुदेव सिंह, आयोजक दलजीत सिंह, डा. रंजन मुखर्जी, डा. सुहासिनी सील, चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश चंद्र, नर्सिंग ऑफिसर दीपेंद्र सिंह, विजयपाल,रीता आदि ने सहयोग किया।
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