बीइंग भागीरथ द्वारा हरिद्वार, रुड़की, भारत के आखिरी ग्राम माणा, रुद्रप्रयाग, चोपता, तुंगनाथ तथा उत्तरप्रदेश में बिठूर शहरों में संयुक्त रूप से स्वच्छता अभियान चलाकर गँगा दिवस मनाया गया। आज ही के दिन 4 नवंबर' 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा हमारी पतित पावनी, जीवन दायिनी माँ गँगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। इसी श्रृंखला में अपनी प्रतिज्ञा को द्रढ़ संकल्प, बीइंग भागीरथ द्वारा वृहद रूप से गँगा, अन्य सहायक नदियों तथा पवित्र तीर्थ स्थलों एक छोटी यात्रा कर स्वच्छता अभियान चलाया गया। हरिद्वार में मधु भाटिया ने बताया कि सबकी भगीदारी से ही हम गँगा को स्वच्छ तथा निर्मल रख सकते हैं। इसके आचमन भर से ही हमें मोक्ष प्राप्त हो जाता है। जनक सहगल ने बताया कि गँगा की सेवा निस्वार्थ भाव से करने वाले को असीमित प्रसन्नता व सुख प्राप्त होता है। माणा के अभियान के दौरान सहयोगी नदी माँ सरस्वती के तट पर बीइंग भागीरथ के कार्यकर्ताओं द्वारा गँगा के महत्त्व को समझाते हुए वहाँ आये यात्रियों को गँगा सफाई के लिए जागरूक किया गया तथा लगभग 2 क्विंटल कूड़ा करकट एकत्रित किया गया। संदीप खन्ना ने बताया कि लुप्त हो गयी सरस्वती माँ जो केवल माणा में ही दर्शन देती हैं, इनके किनारे इतना कूड़ा होना दुर्भाग्य की बात है। राहुल गुप्ता ने बताया कि यदि हमने गँगा माँ व इनकी सहयोगी नदियों को स्वच्छ नहीं रखा तो वो दिन दूर नहीं जब हम गँगा जी के स्वरूप को खो देंगे। संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि संयुक्त रूप से गँगा दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न स्थानों पर चलाया गया ये अभियान स्पष्ट संदेश देता है कि हमें गँगा माँ के महत्व को समझते हुए जन जन तक गँगा स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित कर उनको जागरूक करना चाहिए। अभियान में मुख्य रूप से मधु भाटिया, कुणाल धवन, जनक सहगल, धीरज भूटानी, मोहित विश्नोई, जिया यादव, देविशा, रेखा मलिक, इंद्रपाल सिंह, संतोष साहू, अमित जांगिड़, पंकज त्यागी, विपुल गोयल, तन्मय शर्मा, आदित्य भाटिया, जितेन्द्र चौहान, सुशांत शर्मा, अंकित शर्मा, पुलकित पाहवा, वैभव जैन आदि उपस्थित रहे।
बीइंग भागीरथ ने मनाया गँगा दिवस, हरिद्वार से उत्तराखंड आखिरी ग्राम माणा तक संयुक्त रूप से स्वच्छता अभियान चलाया
बीइंग भागीरथ द्वारा हरिद्वार, रुड़की, भारत के आखिरी ग्राम माणा, रुद्रप्रयाग, चोपता, तुंगनाथ तथा उत्तरप्रदेश में बिठूर शहरों में संयुक्त रूप से स्वच्छता अभियान चलाकर गँगा दिवस मनाया गया। आज ही के दिन 4 नवंबर' 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा हमारी पतित पावनी, जीवन दायिनी माँ गँगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। इसी श्रृंखला में अपनी प्रतिज्ञा को द्रढ़ संकल्प, बीइंग भागीरथ द्वारा वृहद रूप से गँगा, अन्य सहायक नदियों तथा पवित्र तीर्थ स्थलों एक छोटी यात्रा कर स्वच्छता अभियान चलाया गया। हरिद्वार में मधु भाटिया ने बताया कि सबकी भगीदारी से ही हम गँगा को स्वच्छ तथा निर्मल रख सकते हैं। इसके आचमन भर से ही हमें मोक्ष प्राप्त हो जाता है। जनक सहगल ने बताया कि गँगा की सेवा निस्वार्थ भाव से करने वाले को असीमित प्रसन्नता व सुख प्राप्त होता है। माणा के अभियान के दौरान सहयोगी नदी माँ सरस्वती के तट पर बीइंग भागीरथ के कार्यकर्ताओं द्वारा गँगा के महत्त्व को समझाते हुए वहाँ आये यात्रियों को गँगा सफाई के लिए जागरूक किया गया तथा लगभग 2 क्विंटल कूड़ा करकट एकत्रित किया गया। संदीप खन्ना ने बताया कि लुप्त हो गयी सरस्वती माँ जो केवल माणा में ही दर्शन देती हैं, इनके किनारे इतना कूड़ा होना दुर्भाग्य की बात है। राहुल गुप्ता ने बताया कि यदि हमने गँगा माँ व इनकी सहयोगी नदियों को स्वच्छ नहीं रखा तो वो दिन दूर नहीं जब हम गँगा जी के स्वरूप को खो देंगे। संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि संयुक्त रूप से गँगा दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न स्थानों पर चलाया गया ये अभियान स्पष्ट संदेश देता है कि हमें गँगा माँ के महत्व को समझते हुए जन जन तक गँगा स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित कर उनको जागरूक करना चाहिए। अभियान में मुख्य रूप से मधु भाटिया, कुणाल धवन, जनक सहगल, धीरज भूटानी, मोहित विश्नोई, जिया यादव, देविशा, रेखा मलिक, इंद्रपाल सिंह, संतोष साहू, अमित जांगिड़, पंकज त्यागी, विपुल गोयल, तन्मय शर्मा, आदित्य भाटिया, जितेन्द्र चौहान, सुशांत शर्मा, अंकित शर्मा, पुलकित पाहवा, वैभव जैन आदि उपस्थित रहे।
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