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डोईवाला:

हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ.स्वामी राम की 24 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वार्षिक समारोह में उत्तर प्रेदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भारत माता मंदिर के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज  भी शामिल हुए।

 उन्होंने स्वामी रामा सेंटर में ब्रह्मलीन स्वामी राम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने उनका स्वागत किया।

 समारोह में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, लैंसडोन विधायक महंत दिलीप रावत, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं सहित डॉ.विजेंद्र चौहान, विक्रम सिंह, डॉ.सुनील सैनी, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.रेनू धस्माना आदि मौजूद रहे। स्वामी राम द्वारा लिखी गई दो पुस्तक 'द एनसिएंट ट्रेवलर', डॉ.प्रकाश केशवया द्वारा लिखित ‘योगिक प्रैक्टिसस ऑफ द हिमालयन ट्रेडिशन’ व वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया।


इसके अलावा स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय सहित राज्य के 2158 निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं को 13 करोड़ की स्कॉरशिप भेंट की गई।

योगी ने कॉफी टेबल बुक भेंट की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज कुंभ-2019 पर आधारित कॉफी टेबल बुक ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ कुलपित डॉ.विजय धस्माना सहित आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज  को भेंट की।


योगी को भेंट की ‘लिविंग हनुमान’ पुस्तक

लेखक पवन मिश्रा ने भगवान हनुमान पर रचित पुस्तक लिविंग हनुमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ, स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज व कुलपति डॉ.विजय धस्माना को भेंट की।

                        
 स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी को मरणोपरांत स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया 

सम्मान के तहत गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया। उनके शिष्य जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पुरस्कार ग्रहण किया।

हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि सच्चे पथ-प्रदर्शक, गहन तपस्वी होने के साथ ज्ञान और अध्यात्मिक चेतना के प्रतीक थे। उनको यह सम्मान समाज के कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में किए गए अहम योगदान के लिए दिया जाएगा।

19 सिंतबर, 1932 को आगरा में जन्मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी का परिवार मूलत: सीतापुर (उत्तर प्रदेश) का निवासी था। बाल्यकाल में संन्यास से पहले वह अंबिका प्रसाद पांडेय के नाम से जाने जाते थे। उनके पिता शिवशंकर पांडेय को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने 1983 में हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी। 65 से अधिक देशों की यात्रा की थी। 29 अप्रैल 1960 अक्षय तृतीया के दिन 26 वर्ष की आयु में ज्योतिर्मठ भानपुरा पीठ पर जगदगुरू शंकराचार्य पद पर उन्हें प्रतिष्ठित किया गया। करीब नौ वर्षों तक धर्म और मानव सेवा करने के बाद उन्होंने 1969 में स्वयं को शंकराचार्य पद से मुक्त कर लिया था। मधुर भाषी ओजस्वी वक्ता स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज कि भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के राष्ट्र अध्यक्षों से भी अच्छे रिश्ते थे और उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य समान रूप से सम्मान करते थे। 2015 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 87 साल की उम्र में 25 जून 2019 को उन्होंने शरीर त्याग दिया।




एसआरएचयू बेस्ट इंप्लवाई अवॉर्ड-2019                 

बेस्ट टीचर अवॉर्ड-डॉ.दीपशिखा,             

बेस्ट क्लीनिशियन अवॉर्ड- डॉ.सागर मोदी

बेस्ट पैरा– क्लीनिकल इंप्लाई अवॉर्ड-

1-मनीष कुमार, 2-डिन्नी पॉल, 3-अमित चमोली, 4-गजेंद्र सिंह नेगी, 5-प्रवीण सिंह रावत

बेस्ट नॉन क्लीनिकल इंप्लाई अवॉर्ड-

1-राजेश चमोली, 2-अनूप कुमार शाही, 3-उमराव सिंह रावत 4-महेश सिरोही, 5-देवपाल सिंह सिंधवाल, 6-सूरत सिंह रावत, 7-सुनील कुमार सिंह, 8-गुरमीत सिंह, 9-सीता राम, 10-धरम पाल, 11- सुभाष कुमार

बेस्ट आरडीआई इंप्लाई अवॉर्ड -लीला उनियाल                    

स्पेशल अवॉर्ड-एमएम माथवन

इसके अलावा आनंद सोलंकी, अमिचांद, अशोक व सत्यप्रकाश को भी सम्मानित किया गया।

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