नई दिल्ली :
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने मीडिया को बताया कि से कहा कि हमें विक्रम लैंडर का पता चल गया है। अभी तक विक्रम से कोई संपर्क नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर ने विक्रम की तस्वीरें भेजी हैं लेकिन कोई संपर्क नहीं हो सकता है।
उन्होंने बताया कि उससे संपर्क करने की कोशिशें की जा रही हैं।
लैंडर से दोबारा संपर्क होने की कोई सूरत के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए के. सिवन ने कहा- “हम संपर्क साधने की कोशिश करते रहेंगे, हम अगले 14 दिनों तक संपर्क करने की कोशिश करेंगे।” चंद्रयान के साथ गये ऑर्बिटर के बारे में बताते हुए के सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर की लाइफ मात्र एक साल के लिए तय की गई थी, लेकिन ऑर्बिटर में मौजूद अतिरिक्त ईंधन की वजह से अब इसकी उम्र 7 साल तक लगायी जा रही है।
जब चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम से चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर संपर्क टूट गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक लैंडर 'विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तरफ बढ़ रहा था और उसकी सतह को छूने से महज कुछ सेकंड ही दूर था तभी 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई रह जाने पर उसका जमीन से संपर्क टूट गया।
इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों में हताशा जरूर नजर आई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश उनके साथ खड़ा दिखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इससे हताश होने की जरूरत नहीं है।
सूत्रों के अनुसार चंद्रयान -2 टीम विक्रम लैंडर के साथ संचार हानि के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए अंतिम डेटा और सिग्नल जैसे अंतिम डेटा और सेंसर डेटा की जांच करेगी।
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