ऋषिकेश;
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने डेंगू व मलेरिया रोगों के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की।
एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग की ओर से शुक्रवार को आयोजित पब्लिक अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू रोके जाने योग्य है लेकिन उपचार योग्य नहीं है। उन्होंने बताया कि संक्रमण का इलाज करने के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है।
डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन के समय काटते हैं, मच्छरों के काटने से बचाव करके संक्रमण से बचा जा सकता है। इस दौरान लोगों से कीट रिपेलेंट्स का उपयोग करने को कहा गया है, साथ ही बताया गया कि डीईईटी, पिकारिडिन, आईआर 3535 और नींबू नीलगिरी या पैरा – मिथेन -डियोल उत्पादों के कुछ तेल वाले रिपेलेंट्स लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस रोग से बचाव के लिए लंबी-बाजू वाली शर्ट और लंबी पैंट या पेर्मेथ्रिन उपचारित कपड़े पहनने का सुझाव दिया गया।
चिकित्सकों ने बताया कि सप्ताह में एक बार वह वस्तुएं जिनमें पानी एकत्रित होता है, जैसे टायर, बाल्टी, खिलौने या कूड़ा दान उन्हें खाली करके रखें। डा. पीके पांडा ने बताया कि डेंगू ग्रस्त रोगी की प्लेटलेट्स 10 हजार से कम होने पर ही रोगी को रक्त चढ़ाया जाता है, उन्होंने बताया कि यदि शरीर से रक्तस्राव होता है तो इस स्थिति में रक्त चढ़ाना जरुरी है। बताया कि मरीज को बुखार व शरीर में दर्द होने पर पैरासेटामोल टेबलेट देनी चाहिए। कार्यक्रम में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश,डा. प्रसन्न कुमार पांडा,डा. महेंद्र सिंह, डा. निधि केले,डा. दीप ज्योति कालिता,डा. मनीष कुमार ने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर प्रोफेसर बीना रवि, डा. संजीव किशोर, सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल नारंग, जयदत्त शर्मा, अजय गुप्ता, एनपी रतूड़ी, चंद्रमोहन देवरानी, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल आदि मौजूद थे।
क्या हैं डेंगू के लक्षण
-अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का होना
मांसपेशियों में तथा जोड़ों में दर्द होना
आंखों के पीछे दर्द होना जो आंखों को घुमाने से बढ़ता है
जी मिचलाना या उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुहं, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकक्ते उभरना
-यदि बुखार हो तो
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने डेंगू व मलेरिया रोगों के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की।
एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग की ओर से शुक्रवार को आयोजित पब्लिक अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू रोके जाने योग्य है लेकिन उपचार योग्य नहीं है। उन्होंने बताया कि संक्रमण का इलाज करने के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है।
डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन के समय काटते हैं, मच्छरों के काटने से बचाव करके संक्रमण से बचा जा सकता है। इस दौरान लोगों से कीट रिपेलेंट्स का उपयोग करने को कहा गया है, साथ ही बताया गया कि डीईईटी, पिकारिडिन, आईआर 3535 और नींबू नीलगिरी या पैरा – मिथेन -डियोल उत्पादों के कुछ तेल वाले रिपेलेंट्स लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस रोग से बचाव के लिए लंबी-बाजू वाली शर्ट और लंबी पैंट या पेर्मेथ्रिन उपचारित कपड़े पहनने का सुझाव दिया गया।
चिकित्सकों ने बताया कि सप्ताह में एक बार वह वस्तुएं जिनमें पानी एकत्रित होता है, जैसे टायर, बाल्टी, खिलौने या कूड़ा दान उन्हें खाली करके रखें। डा. पीके पांडा ने बताया कि डेंगू ग्रस्त रोगी की प्लेटलेट्स 10 हजार से कम होने पर ही रोगी को रक्त चढ़ाया जाता है, उन्होंने बताया कि यदि शरीर से रक्तस्राव होता है तो इस स्थिति में रक्त चढ़ाना जरुरी है। बताया कि मरीज को बुखार व शरीर में दर्द होने पर पैरासेटामोल टेबलेट देनी चाहिए। कार्यक्रम में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश,डा. प्रसन्न कुमार पांडा,डा. महेंद्र सिंह, डा. निधि केले,डा. दीप ज्योति कालिता,डा. मनीष कुमार ने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर प्रोफेसर बीना रवि, डा. संजीव किशोर, सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल नारंग, जयदत्त शर्मा, अजय गुप्ता, एनपी रतूड़ी, चंद्रमोहन देवरानी, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल आदि मौजूद थे।
क्या हैं डेंगू के लक्षण
-अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का होना
मांसपेशियों में तथा जोड़ों में दर्द होना
आंखों के पीछे दर्द होना जो आंखों को घुमाने से बढ़ता है
जी मिचलाना या उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुहं, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकक्ते उभरना
-यदि बुखार हो तो
- आराम करें
- तेज बुखार को नियंत्रित करें
- शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें
- अपने घर में डेंगू को फैलने से रोकने के उपाय करें
- जब बुखार चला जाए तो चेतावनी चिह्न देखें
- पेट में बहुत दर्द होना या लगातार उल्टी होना
- शरीर पर लाल चकक्ते पड़ना
- उल्टी में खून आना या मल में खून आना।
- डेंगू ग्रस्त रोगी की प्लेटलेट्स 10 हजार से कम होने पर ही रक्त चढ़ाना चाहिए।
- शरीर से रक्तस्राव होता है तो इस स्थिति में रक्त चढ़ाना जरुरी है।
- दिन के समय सोते समय मच्छरदानी या मच्छर मारने की दवा का प्रयोग करें।
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