- भगवान नारायण के प्रतिनिधि,सखा श्री उद्धव जी एवं भगवान बदरीविशाल जी की गद्दी माता मूर्ति पहुंची।
- माता मूर्ति को भगवान बदरीविशाल की कुशल क्षेम बतायी
- त्रिजुगीनारायण में भी बामन द्वादशी का पर्व मनाया गया।
श्री बदरीनाथ धाम;
श्री बदरीनाथ धाम में बामन द्वादशी के अवसर पर होनेवाला माता मूर्ति मेला धूमधाम एवं उल्लासपूर्वक आयोजित किया गया। कल 9 सितंबर दिन में नारद जयंती कार्यक्रम आयोजित हुआ। शाम को माणा गांव से बदरीनाथ मंदिर पहुंचकर श्री घंटाकर्ण महाराज द्वारा भगवान श्री बदरीनाथ भगवान को मातामूर्ति आने का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर श्री घंटाकर्ण महाराज के निशान को साड़ी तथा पश्वा एवं पुजारियों को मंदिर समिति द्वारा पगड़ी भेंट की गयी।
आज प्रात:से ही मंदिर समिति द्वारा माता मूर्ति मेले की तैयारिया शुरू की गयी थी। श्री बदरीविशाल जी की गद्दी की साज सज्जा की गयी। मंदिर में प्रात:कालीन भोग के पश्चात 10 बजे प्रात: श्री बदरीविशाल जी की गद्दी एवं उद्धव जी की डोली ने गाजे-बाजे के साथ मंदिर सिंह द्वार से माता मूर्ति की ओर प्रस्थान किया। धरणीधर आश्रम, नागनागड़ी, आईटीबीपी तिराहा पर डोली का स्वागत हुआ।
आईटीबीपी केंप से आगे पर्यटन ग्राम माणा की महिलाओं-पुरूषों द्वारा माता मूर्ति त्यौहार के लिए उगाये गयी पवित्र जौ की हरियाली के गुच्छों को भेंट कर देव डोलियों का स्वागत किया। माता मूर्ति पहुंच कर जौ की हरियाली माता मूर्ति मंदिर में भेंट की गयी जिसे प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं को दिया गया।
श्री उद्वव जी की एवं भगवान बदरीविशाल की डोली मातामूर्ति परिसर में पहुंची जहां रावल, धर्माधिकारी, पुजारियों व स्थानीय हक हकूकधारियों ने पूजा अर्चना संपन्न करवायी।
भगवान के द्वारा भेजे गये प्रतिनिधि श्री उद्धव जी माता मूर्ति जी से मिले। भगवान की कुशल क्षेम बतायी और अगले बामन द्वादशी पुन:पहुंचने का भी वचन दिया। साक्षात भगवान का उद्धव के रूप में माता जी से मिलने का दृष्य देखकर श्रद्धालु भावुक हो गये। इस तरह माता मूर्ति मेला संपन्न हो गया। मेले में पांच हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
दिन के भोग प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात शाम तीन बजे श्री उद्धव जी की डोली एवं श्री बदरीविशाल जी की गद्दी वापस श्री बदरीनाथ मंदिर आ गयी, तत्पश्चात शाम तीन बजे श्री बदरीनाथ मंदिर दर्शनार्थ खुल गया। प्रात: 10 बजे से शाम तीन बजे तक मातामूर्ति मेले के दौरान श्री बदरीनाथ मंदिर बंद रहा। देव डोलियों के शांय तीन बजे लौटने के बाद मंदिर विधिवत दर्शनों हेतु खुल गया। एक बयान जारी कर मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल तथा उपाध्यक्ष अशोक खत्री व सभी मंदिर समिति सदस्यों ने बामन द्वादशी एवं माता मूर्ति की शुभकामनाएं दी है।
माता मूर्ति मेले में चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई,रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मंदिर समिति सदस्य श्रीमती चंद्रकला ध्यानी, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष राकेश कुमार डिमरी, उपाध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मंदिर समिति के मुख्यकार्याधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,मंदिर अभियंता विपिन तिवारी, उप धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, उप धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट श्री बदरीनाथ मंदिर में बडुवा पुजारी पंकज डिमरी,ज्योतिश डिमरी,पुजारी मातामूर्ति सुशील डिमरी, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, प्रबंधक राजेंद्र सेमवाल, कमेटी सहायक संजय भट्ट, मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, स.प्रबंधक अजय सती, दफेदार कृपाल सनवाल, विश्वनाथ, अनसुया नौटियाल, विपुल मेहता,सत्येंद्र झिंक्वाण, विनोद फर्स्वाण एवं बामणी एवं पर्यटन ग्राम माणा के हक हकूकधारी, श्री बदरीश पंडा पंचायत प्रतिनिधि, ब्यापार सभा, साधु -संत सहित सेना, आईटीबीपी पुलिस प्रशासन के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में देश-विदेश के तीर्थ यात्री भी मौजूद रहे।
मेले में गढ़वाल स्काउट, आईटीबीपी ने भंडारे लगाये मंदिर समिति ने प्रसाद वितरित किया। माता मूर्ति मेला परिसर में बड़ी संख्या में ब्यापारियों ने दुकाने भी लगायी थी। श्री बदरीश भजन मंडली द्वारा मातामूर्ति मेले में भजन संध्या का आयोजन किया। मेले के दौरान चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक मेले हमारी संस्कृति एवं विरासत है। अंत में मुख्य कार्याधिकारी ने सभी का आभार जताया। शांयकाल को बामणी गांव से श्री कुबेर जी, मां नंदा, श्री घंटाकर्ण जी एवं कैलाश जी के पश्वा मंदिर के अंदर परिसर में अवतरित होकर आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इस तरह बामन द्वादशी का यह पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री त्रिजुगी नारायण मंदिर (रूद्र प्रयाग) में भी बामन द्वादशी का पर्व मनाया गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री एवं कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी ने बताया कि त्रिजुगी नारायण में बामन द्वादशी धूमधाम से संपन्न हुई।
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