- पीएमओ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को मामले में कार्यवाही हेतु पत्रावली प्रेषित कि, जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया युवक के पत्र का संज्ञान
- राज्य सरकार ने किया अमल , तो बदल जाएगी उत्तराखंड की सूरत
प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड के युवा सामाजिक कार्यकर्ता के पत्र का संज्ञान लिया है,अजय कुमार ने 27 जून को पीएमओ साउथ ब्लॉक में जाकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हेतु एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट दिया था,पत्र में जो मांगें थी अगर उनपर धरातल पर कार्य हुआ तो उत्तराखंड से पलायन रुक जाएगा।
पीएमओ ने की ,कार्यवाही
पीएमओ ने अजय कुमार के पत्र का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है,मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड के एनएचएम डायरेक्टर को कार्रवाई के लिए मामला भेज दिया गया है,अब देखना ये होगा कि उत्तराखंड के आला अफ़सर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भेजे गए इस पत्र पर क्या कदम उठाते हैं।
इन सुविधाओं की उठाई मांग
1. अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदंडों के अनुरूप डॉक्टरों, नर्सों एवं फार्मासिस्ट,पैरामेडिकल स्टाफ आदि की नियुक्ति 6 माह के अंदर राज्य सरकार को निर्देश जारी करें।
2. उत्तराखंड के 13 जिला अस्पतालों को मल्टी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया जाए, ताकि अपने-अपने जिले में मरीजों को उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सके।
3. पर्वतीय क्षेत्रों में आए दिन दुर्घटनाएं, प्राकृतिक घटनाएं होती रहती हैं, अस्पतालों में ट्रामा सेंटर नही है।
घायलों को देहरादून रेफर किया जाता है,जिस कारण मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं अत: प्रदेश के हर जिला चिकित्सालय में एक एक ट्रामा सेंटर और आइसीयू बनवाए।
4. पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए स्वास्थ्य पैकजे उपलब्ध कराएं।
5.गाँव के अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत वैलनेस सेंटर में तब्दील कर उनमें ब्लड शुगर, किडनी, लिवर, हृदय जैसी सामान्य जांचें नि:शुल्क हों।
6. गढ़वाल मंडल के श्रीनगर मेडिकल कालेज को एम्स अस्पताल और कुमाऊं के अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई संस्थान में तब्दील कर दिया जाए,केंद्र सरकार इसका संचालन करे।
7. उत्तराखंड में सचल चिकित्सा वाहन, लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सुविद्या उपलब्ध कराई जाए।
: स्वास्थ्य मंत्रालय की NHM डाइरेक्टर द्वारा उत्तराखंड के NHM डाइरेक्टर को कार्यवाही हेतु मामला भेज दिया गया है,अब देखना ये है कि उत्तराखंड सरकार इस प्रकरण पर क्या काम करती है या प्रस्ताव बना कर केंद्र को भेजती है
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