उत्तरकाशी:
राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन विभाग उत्तरकाशी के तत्वाधान में जिलाधिकारी डा.आषीश चौहान की अध्यक्षता में सिंगोट गांव में एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मछली पालन एक बेहतर रोजगार का जरिया है। मछली पालन अपनाने से लोगों को रोेजगार मिलने के साथ ही आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्राउट मछली पालन हेतु वैज्ञानिक ढंग से कार्य करने की जरूरत होती है, मछली पालन के लिए बनाए गए तालाब में पानी की नियमित चाल बनी रहें इन सबकी जानकारी होना भी बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि श्री नागराजा मत्स्य जीवी उत्पादन सहकारी समिति लि.सिगोट के द्वारा ट्राउट मछली का उत्पादन बेहतर ढंग से किया जा रहा है। उनकी मांग के अनुसार उन्हें बाजार नहीं मिलने पर उन्हें हर संभव बाजार उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनके द्वारा उत्पादित ट्राउट मछली के अच्छे दाम उन्हें मिल सके।
जिलाधिकारी डा.श्री चौहान ने कहा कि ट्राउट मछली की मांग बाजार में अधिक है इसलिए समिति को स्थानीय स्तर पर बाजार मुहैया कराने हेतु ट्राउट मछली विक्रय आउटलेट केन्द्र शीघ्र उद्योग विभाग परिसर (बसअड्डा समीप) में खोला जाएगा। स्थानीय स्तर पर आउटलेट केन्द्र के साथ ही इसे शीघ्र आॅनलाईन भी किया जाएगा। ताकि आॅनलाईन भी ट्राउट मछली की डिमांड मिलते रहें। समिति की मांग के अनुरूप जिलाधिकारी ने सिंगोट में मत्स्य स्टोर,फ्रिज व ट्राउट मछली आउटलेट केन्द्र का प्रस्ताव सात दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश खण्ड विकास अधिकारी डुण्डा व सहायक निदेशक मत्स्य को दिए।
सहायक निदेशक मत्स्य ,प्रमोद शुक्ल ने बताया कि सिंगोट गांव में वर्ष 2013 से विभिन्न प्रकार की मत्स्य प्रजातियों के पालन किया जा रहा है. विगत दो-तीन वर्षों से समिति के द्वारा ट्राउट मछली का भी पालन किया जा रहा है। ट्राउट मछली के पालन से समिति को काफी लाभ मिल रहा है। समिति को प्रोत्साहित करने हेतु समय-समय पर उन्हें मछली के बच्चे,पौंड,फीड आदि के साथ ही मछली उत्पादन की जानकारी विभाग के द्वारा दी जा रही है।
इस मौके पर तहसीलदार वीरेन्द्र सिह रावत,खण्ड विकास अधिकारी डुण्डा दृषटी आनंद, अध्यक्ष उम्मेद सिह कलूड़ा,सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण मौजूद थे।
राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन विभाग उत्तरकाशी के तत्वाधान में जिलाधिकारी डा.आषीश चौहान की अध्यक्षता में सिंगोट गांव में एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मछली पालन एक बेहतर रोजगार का जरिया है। मछली पालन अपनाने से लोगों को रोेजगार मिलने के साथ ही आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्राउट मछली पालन हेतु वैज्ञानिक ढंग से कार्य करने की जरूरत होती है, मछली पालन के लिए बनाए गए तालाब में पानी की नियमित चाल बनी रहें इन सबकी जानकारी होना भी बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि श्री नागराजा मत्स्य जीवी उत्पादन सहकारी समिति लि.सिगोट के द्वारा ट्राउट मछली का उत्पादन बेहतर ढंग से किया जा रहा है। उनकी मांग के अनुसार उन्हें बाजार नहीं मिलने पर उन्हें हर संभव बाजार उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनके द्वारा उत्पादित ट्राउट मछली के अच्छे दाम उन्हें मिल सके।
जिलाधिकारी डा.श्री चौहान ने कहा कि ट्राउट मछली की मांग बाजार में अधिक है इसलिए समिति को स्थानीय स्तर पर बाजार मुहैया कराने हेतु ट्राउट मछली विक्रय आउटलेट केन्द्र शीघ्र उद्योग विभाग परिसर (बसअड्डा समीप) में खोला जाएगा। स्थानीय स्तर पर आउटलेट केन्द्र के साथ ही इसे शीघ्र आॅनलाईन भी किया जाएगा। ताकि आॅनलाईन भी ट्राउट मछली की डिमांड मिलते रहें। समिति की मांग के अनुरूप जिलाधिकारी ने सिंगोट में मत्स्य स्टोर,फ्रिज व ट्राउट मछली आउटलेट केन्द्र का प्रस्ताव सात दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश खण्ड विकास अधिकारी डुण्डा व सहायक निदेशक मत्स्य को दिए।
सहायक निदेशक मत्स्य ,प्रमोद शुक्ल ने बताया कि सिंगोट गांव में वर्ष 2013 से विभिन्न प्रकार की मत्स्य प्रजातियों के पालन किया जा रहा है. विगत दो-तीन वर्षों से समिति के द्वारा ट्राउट मछली का भी पालन किया जा रहा है। ट्राउट मछली के पालन से समिति को काफी लाभ मिल रहा है। समिति को प्रोत्साहित करने हेतु समय-समय पर उन्हें मछली के बच्चे,पौंड,फीड आदि के साथ ही मछली उत्पादन की जानकारी विभाग के द्वारा दी जा रही है।
इस मौके पर तहसीलदार वीरेन्द्र सिह रावत,खण्ड विकास अधिकारी डुण्डा दृषटी आनंद, अध्यक्ष उम्मेद सिह कलूड़ा,सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण मौजूद थे।
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