देहरादून ;
मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी, जबकि दो प्रस्तावों पुनर्विचार के लिए लौटाया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में सुबह 11 बजे से मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 14 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 12 पर मुहर लगी।
बैठक में कैबिनेट ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को आरक्षण मामले में अब आश्रितों में बेटियों को भी शामिल किया है। आइए जानते हैं बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले…
– सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान में हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को दी जाएगी।
-राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी को हर महीने 35 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा।
-आरक्षण अधिनियम 1993 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पुत्रियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है।
-सचिवालय स्तर पर अब स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग का एकीकरण किया गया।
-सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एक एकीकरण किया गया है।
-आयुर्वेद विश्व विद्यालय के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा को उनकी मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया।
-शासन स्तर में विकास योजनाओं के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मा, पहले सीएस करते थे।
-उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों के लिए चिकित्सा प्रति पूर्ति के मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का फैसला।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि इस योजना के तहत राज्य के 23.80 लाख राशन कार्ड धारकों को हर महीने दो अलग-अलग प्रकार की दालें मिलेंगी । उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा इन दालों, चना, मलका और मसूर, के लिये तय मूल्य पर राज्य सरकार 15 रु प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी भी देगी । इस संबंध में उदाहरण देते हुए कौशिक ने बताया कि चने की दाल का मूल्य भारत सरकार द्वारा रु 41.80 प्रति किलो तय किया गया है और इस पर राज्य सरकार रु 15 की सब्सिडी देगी । उन्होंने कहा कि अगर इन दालों को यहां लाने पर होने वाला खर्च जोड़ लिया जाये तो भी यह उपभोक्ताओं को बाजार भाव से काफी कम दाम पर मिलेगी । कौशिक ने बताया कि भारत सरकार के पास इन दालों का काफी स्टॉक है और इसलिये इस योजना के क्रियान्वयन में कोई परेशानी नहीं आयेगी । एक अन्य निर्णय में, राज्य मंत्रिमंडल ने राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फेकल्टी के रूप में संविदा पर नियुक्त शिक्षकों के मानदेय की विभिन्न श्रेणियों को समाप्त करते हुए उसे सबके लिये समान 35000 रु प्रतिमाह किये जाने को भी मंजूरी दे दी । उन्होंने बताया कि इन शिक्षकों को प्रति माह 40 पीरियड़ पढ़ाने होंगे और उनके इतने पीरियड़ सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन की होगी । मंत्री ने बताया कि पूरे प्रदेश में ऐसे गेस्ट फेकेल्टी की संख्या 357 है ।
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