11वें ज्योर्तिलिंग बाबा केदार के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये हैं, बाबा केदार के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों को गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक की 16 किमी पैदल दूरी तय करनी पडती है, लेकिन बाबा केदार के दर्शन से पहले श्रद्धालु माॅ गौरी के गौरीकुण्ड स्थित पौराणिक मदिर के दर्शन करते हंै, मां गौरी का यह मदिर अपने आप में पौराणिक इतिहास को समेटे हुए हैं, मान्यता है केदारनाथा आने वाले श्रद्धालु गौरीकुण्ड में दर्शन कर यहां स्थिति तप्त कुण्ड में निकलनेे वाले गर्म पानी से स्नान कर केदारनाथ की यात्रा आरम्भ की जाती है।
माना जाता है कि तभी केदारनाथ की यात्रा सार्थक है जब तप्त कुण्ड में स्नान करें। जबकि यहां एक और कुण्ड भी मौजूद है जो तर्पण कुण्ड के नाम से विख्यात है। पौराणिक मान्यता है कि इस कुण्ड में देश विदेश के श्रद्धालु अपने पित्रों को तर्पण देते हैं जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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