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  • वैश्विक मंच पर साध्वी भगवती सरस्वती  ने दी जोरदार प्रस्तुति

  • सतत विकास हेतु धार्मिक संगठनों का योगदान विषय पर कोपेनहेगन,डेनमार्क में आयोजित ग्लोबल समिट में साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया सहभाग

  • साध्वी भगवती सरस्वती  को पार्टनरशिप फॅार रिलिजन एंड सस्टनेबल डेवेलपमेंट’ की संचालन समिति में किया सम्मिलित


कोपेनहेगन/डेनमार्क:




परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी को ’पार्टनरशिप फॅार रिलिजन एंड सस्टनेबल डेवेलपमेंट’ संगठन द्वारा तीन दिवसीय ग्लोबल समिट में सहभाग हेतु आंमत्रित किया गया। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी एक प्रखर वक्ता के रूप में वैश्विक मंच पर विश्व की विभिन्न समस्याओं को  रखा और अनेक वैश्विक समस्याओं का धर्म आधारित समाधान भी प्रस्तुत किया।


पार्टनरशिप फॅार रिलिजन एंड सस्टनेबल डेवेलपमेंट (पीएआरडी ), जर्मनी, अमरीका, यूके, डेनमार्क जैसे 12 देशों की सरकारों का अन्तरशासकीय संगठन है जो विश्व बैंक की तरह कार्य कर रहा है। इस्लामिक रिलिफ वर्ल्ड, कैथोलिक वर्ल्ड सर्विसेस जैसे विश्व के लगभग 100 धार्मिक संगठनों की वार्षिक जनरल असेम्बली को डेनिश सरकार ने आयोजित किया है। उक्त संगठन की संचालन समिति  में साध्वी भगवती सरस्वती जी को सम्मिलित किया गया है साथ ही समिति में विश्व बैंक, जर्मन सरकार, यूएस सरकार, अफ्रीकन यूनियन और कुछ अन्य धार्मिक संगठन भी सम्मिलित है।

जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि वैश्विक आबादी का 80 प्रतिशत से भाग धर्म से संबंध रखता है। धार्मिक मूल्य और धर्म के प्रति आस्था और विश्वास अरबों लोगों के विचारों और कार्यो में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। उन्होने कहा कि दुनिया भर के धार्मिक गुरू व लीडर विशेष रूप से सतत विकास में भी योगदान दे रहे हैं।

साध्वी भगवती जी ने कहा कि पीएआरडी द्वारा वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये दुनिया भर के धार्मिक गुरूओं, धार्मिक संगठनों, फेथ समुदायों, विभिन्न सामाजिक और नागरिक संगठनों, विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों
और अंतर सरकारी संगठनों को एक साथ लाकर जो कार्य किया जा रहा है वास्तव में वह विलक्षण कार्य है।
पीएआरडी का उद्देश्य है कि सतत विकास के लिये वैश्विक सदस्यों, धर्मनिरपेक्ष और गैर धर्मनिरपेक्ष संगठनों के माध्यम से सभी संगठनों को एक साथ लाकर तालमेल से और समन्वय के साथ धर्म और सतत विकास के लिये सुसंगत, समावेशी और प्रभावी एजेंडा तैयार करना।

इस अवसर पर मेटे थाइजसेन, विदेश मंत्रालय, डेनमार्क के मानवतावादी एक्शन विभाग के प्रमुख, माइकल सुहर, धर्म और फेथ की स्वतंत्रता के लिये राजदूत व विशेष प्रतिनिधि, विदेश मंत्रालय, डेनमार्क, मैरी जूल पीटरसन, वरिष्ट शोधकर्ता, मानवाधिकार के लिये डेनिश संस्थान डेनमार्क तथा धर्म और विकास पर डेनिश नेटवर्क के अन्य प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। साथ ही अमरीका, यूएस, जर्मनी सरकार के अच्च स्तरीय प्रतिनिधि और विश्व बैंक और अफ्रीकी संघ के प्रतिधिनियों ने भी सहभाग किया।

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