ऋषिकेश:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयुष विभाग की ओर से बुधवार को स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें ग्रीष्म ऋतुचर्या के बारे बताया, जिससे लोग गर्मी के मौसम में होने वाले दुष्प्रभावों से बच सकें। इसके अलावा लोगों को शरीर की प्रकृति के अनुसार आहार-विहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
एम्स के आयुष विभाग की ओर से संस्थान के अलावा विभिन्न स्थानों पर प्रत्येक माह सततरूप से आयोजित किए जा रहे स्वास्थ्य परीक्षण एवं जनजागरुकता शिविरों के बाबत अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य मरीजों को कम खर्च में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। साथ ही लोगाें को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है।
निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने इस तरह के स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों के माध्यम से विभिन्न चिकित्सकीय पद्धतियों में रेंडामाइज्ड कंट्रोल ट्रायल पद्धति से अनुसंधान को नितांत आवश्यक बताया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि रिसर्च को बढ़ावा देकर विभिन्न चिकित्सकीय पद्धतियों की रोगी के स्वास्थ्य लाभ में उपयोगिता सिद्ध की जा सकती है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने माह दर माह स्वास्थ्य शिविरों के सततरूप से आयोजन के लिए संस्थान के आयुष विभाग की सराहना की।
आयुष विभागाध्यक्ष डा.वर्तिका सक्सेना की अगुवाई में आयोजित शिविर में डा.मीनाक्षी जगझापे व डा.विंतेश्वरी नौटियाल ने रोगियों का परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि शिविर में आए रोगियों में बात व मूत्र विकार, उदर रोग, कमजोरी आदि दिक्कतें पाई गई।
विभागाध्यक्ष डा. वर्तिका ने बताया कि अब तक के शिविरों के सफल आयोजन के मद्देनजर भविष्य में वर्षा ऋतु में होने वाली व्याधियों से बचाव के लिए जनजागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविर के आयोजन में सीमा तोमर, संदीप कंडारी,अनीता राणा,सीना जोसेफ, नितेंद्र सारस्वत, किरन बड़ृथ्वाल आदि ने सहयोग किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयुष विभाग की ओर से बुधवार को स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें ग्रीष्म ऋतुचर्या के बारे बताया, जिससे लोग गर्मी के मौसम में होने वाले दुष्प्रभावों से बच सकें। इसके अलावा लोगों को शरीर की प्रकृति के अनुसार आहार-विहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
एम्स के आयुष विभाग की ओर से संस्थान के अलावा विभिन्न स्थानों पर प्रत्येक माह सततरूप से आयोजित किए जा रहे स्वास्थ्य परीक्षण एवं जनजागरुकता शिविरों के बाबत अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य मरीजों को कम खर्च में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। साथ ही लोगाें को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है।
निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने इस तरह के स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों के माध्यम से विभिन्न चिकित्सकीय पद्धतियों में रेंडामाइज्ड कंट्रोल ट्रायल पद्धति से अनुसंधान को नितांत आवश्यक बताया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि रिसर्च को बढ़ावा देकर विभिन्न चिकित्सकीय पद्धतियों की रोगी के स्वास्थ्य लाभ में उपयोगिता सिद्ध की जा सकती है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने माह दर माह स्वास्थ्य शिविरों के सततरूप से आयोजन के लिए संस्थान के आयुष विभाग की सराहना की।
आयुष विभागाध्यक्ष डा.वर्तिका सक्सेना की अगुवाई में आयोजित शिविर में डा.मीनाक्षी जगझापे व डा.विंतेश्वरी नौटियाल ने रोगियों का परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि शिविर में आए रोगियों में बात व मूत्र विकार, उदर रोग, कमजोरी आदि दिक्कतें पाई गई।
विभागाध्यक्ष डा. वर्तिका ने बताया कि अब तक के शिविरों के सफल आयोजन के मद्देनजर भविष्य में वर्षा ऋतु में होने वाली व्याधियों से बचाव के लिए जनजागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविर के आयोजन में सीमा तोमर, संदीप कंडारी,अनीता राणा,सीना जोसेफ, नितेंद्र सारस्वत, किरन बड़ृथ्वाल आदि ने सहयोग किया।
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