ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
श्यामपुर ग्रामसभा की मतदाता सूची में गड़बड़ी कर अन्य ग्राम सभा मे जोड़े जाने के मामले मे मंगलवार को तहसील दिवस के अवसर पर ऋषिकेश उपजिलाधिकारी ने जांच के आदेश के साथ नायब तहसीलदार ऋषिकेश व खण्ड विकास अधिकारी डोईवाला की सयुक्त टीम को क्षेत्र का सर्वे करने के निर्देश जारी किये।
तहसील दिवस पर आयोजित जनता दरबार मे श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदस्य ने ग्राम सभा श्यामपुर के खसरा संख्या संख्या 612 से वे 710 में निवास कर रहे मतदाताओं ग्राम सभा खदरी की मतदाता सूची में दर्ज कर दिए है। उन्होंने दावा किया कि ग्राम सभा खदरी के जनप्रतिनिधि को गैरकानूनी लाभ पहुचाने की नीयत से मतदाता सूची में नाम दर्ज किया गया है। उन्होंने श्यामपुर के निवासियों का नाम खदरी ग्राम सभा की मतदाता सूची में दर्ज करने में अनियमितता का आरोप लगाते हुए श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदय कोमल सिंह नेगी ने सहायक निर्वाचन अधिकारी/ उप जिलाधिकारी ऋषिकेश प्रेमलाल से लिखित शिकायती कर जांच व खसरा सर्वे कर मतदाता सूची सुधार करने की मांग की। बता दें कि आगामी सितम्बर माह में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने से पंचायत प्रतिनिधि सक्रिय हो गए है। आगामी पंचायत चुनाव में मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की कवायद चल रही है। ऐसे मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भावी पंचायत प्रतिनिधि वोटो को अपने पक्ष में करने के लिए श्यामपुर ग्राम सभा के निवासियो की मतदाता सूची से नाम हटाकर खदरी ग्राम सभा की मतदाता सूची में जोड़ रहे है।जिसमें फेर बदलकर दूसरी ग्राम सभा मे दर्ज करने की साजिश रच रहे है। ऐसा ही आरोप पत्र लेकर श्यामपुर के क्षेत्र पंचायत सदस्य कोमल सिंह नेगी मंगलवार को उपजिलाधिकारी कार्यालय गए तथा मतदाता सूची में फेरबदल की जांच कर सूची सुधार कराने की मांग की। क्षेत्र पंचायत सदस्य कोमल सिंह नेगी ने कहा कि दिनों बी एल ओ मतदाता सूची बनाने का कार्य कर रहे है। श्यामपुर के निवासियों का दूसरी ग्राम सभा के प्रतिनिधि के चुनाव में मतदान करने अवैध है ऐसा करने से कई कानूनी समस्याएं उतपन्न हो जाएगी साथ ही क्षेत्र का विकास प्रभावित होगा। तो वहीं श्यामपुर ग्राम सभा के निवासीयो के नाम दूसरी ग्राम सभा मे दर्ज होने के चलते मजबूरन उन्हें मतदान करने अन्य ग्राम सभा मे जाने को विवश होना पड़ रहा है। ऐसे में ग्राम सभा के मतदाता आंकड़े की सही गणना नही हो रही है। जिससे क्षेत्र का विकास भी प्रभावित हो रहा है। उनकी पहचान की समस्या भी उत्पन्न होगी। उनके मूल निवास जाति प्रमाण पत्र इत्यादि में हस्ताक्षर व मुहर की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
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